आंगनबाड़ी : जिलों में पोषाहार निर्माण इकाई की योजना हुई फेल, मिल रहा ड्राई राशन
आंगनबाड़ी केंद्रों को पोषाहार मुहैया कराने के लिए वर्ष 2019 में तैयार किया गया था प्लान
प्रदेश में हर जिले में निर्मित होने वाले पोषाहार इकाई की स्थापना की योजना फेल हो गई है। वर्ष 2019 में आंगनबाड़ी केंद्रों पर बंटने वाली पंजीरी की सप्लाई बंद होने के बाद शासन ने जिलो में 3.26 करोड़ रुपये की लागत से पोषाहार इकाई की स्थापना कर पोषाहार तैयार करने का फैसला लिया था मगर बजट नहीं मिलने के कारण पूरी तैयारी निरर्थक हो गई।
आंगनबाड़ी केंद्रों को पंजीरी की सप्लाई बंद होने के बाद शासन ने जिलों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत रोजगार सृजन करने और बच्चों को पोषक आहार वितरित करने के लिए 3.26 करोड़ रुपये की लागत से पोषाहार उत्पादन के लिए इकाई की स्थापना करने का फैसला लिया था।
शासन के निर्देश पर आरईएस विभाग ने प्राक्लन तैयार करके शासन को भेजा था। जिले के अफसर बजट का इंतजार करते रह गए और साल बीतता गया। दरअसल में शासन ने वर्ष 2019 में पंजीरी की सप्लाई बंद करने के बाद महिला स्वयं सहायता समूहों के हवाले कर दिया था।
शासन ने जो प्लान तैयार किया था, उसके मुताबिक हर जिले में पोषाहार इकाई का निर्माण कराया जाएगा। महिला स्वयं सहायता के देखरेख में पोषाहार का उत्पादन होगा और जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को पहुंचाया जाएगा। मगर न शासन से बजट मिला और न ही निर्माण कार्य पूरा हुआ। अगर जिलों में पोषाहार इकाई का निर्माण होता, तो जिले के सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता और बच्चों को पोषक आहार मिलता। मगर बजट नहीं मिलने से सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया।
आंगनबाड़ी केंद्रों को मिल रहा ड्राई राशन
आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीरी की सप्लाई बंद होने के बाद ड्राई राशन मिल रहा है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचने के बाद बच्चों को दिया जा रहा है। चना की दाल और रिफाइंड हर माह पहुंच रहा है।
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