School-College Reopening : स्कूल-कॉलेज तो खुले लेकिन छात्रों की उपस्थिति रही कम
कोरोना संक्रमण के कारण लगभग एक महीने बंद रहने के बाद सोमवार को लखनऊ विश्वविद्यालय और सहयुक्त कॉलेज फिर से खोले गए। स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालय तक परिसर में पहुंचने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या काफी कम रही। लखनऊ विवि में बमुश्किल 25% उपस्थिति ही दर्ज हुई। यहां कुछ विषयों को छोड़कर किसी भी संकाय में पहले दिन कक्षाएं नहीं चल पाईं।
लखनऊ विश्वविद्यालय में जो छात्र-छात्राएं आए थे वे कोविड प्रोटोकाल के तहत पहुंचे थे। हालांकि अभी कई जगह कोविड डेस्क की स्थापना नहीं हो पाई। बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के कोरोना संक्रमित होने पर बीती 10 जनवरी से विश्वविद्यालय व कॉलेजों को भौतिक रूप से बंद कर दिया गया था। इस दौरान स्नातक, परास्नातक विषय सेमेस्टर परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई थीं और ऑनलाइन कक्षाएं जारी थीं। अब कोविड के मामले कम होने पर विश्वविद्यालय व कॉलेज खुल गए हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में सुबह क्लास चल रही थी लेकिन छात्रों की उपस्थिति बेहद कम रही। वहीं नवीन परिसर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज में बीबीए और एमबीए प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू हो गईं। अर्थशास्त्र विभाग में एमए प्रथम, तृतीय सेमेस्टर और बीए प्रथम व तृतीय सेमेस्टर की कक्षा में पहले दिन उपस्थिति कम रही।
कॉलेजों में ज्यादा पहुंचे छात्र
कालीचरण पीजी कॉलेज में 40 फीसदी उपस्थिति रही। प्राचार्य प्रो.चंद्रमोहन उपाध्याय ने बताया कि सुबह सचल दल ने विद्यार्थियों के मास्क चेक किए। कोविड प्रोटोकाल का पालन भी कराया गया। जेएनपीजी कॉलेज में छात्र उपस्थिति ठीक रही। यहां सम सेमेस्टर के साथ साथ यूजी और पीजी प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू हो गईं। आईटी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. विनीता प्रकाश ने बताया कि पहले दिन उपस्थिति बहुत कम रही।
आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ मिलेगा हॉस्टल में प्रवेश
लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर खुलने के बाद अब छात्रावास भी नियमानुसार खोले जाएंगे। सभी छात्रावासों में कोविड-19 गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा। छात्रावास में आने के लिए छात्र-छात्राओं को कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज का प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य होगा। साथ ही 48 से 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट भी जरूरी होगी। इसके बिना छात्रावास में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस सम्बंध में सोमवार को चीफ प्रोवोस्ट प्रो. नलिनी पांडेय ने निर्देश जारी किए हैं।
बता दें कि जनवरी में छात्रावास के कई छात्र-छात्राओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षाएं स्थगित कर छात्रावास खाली करवा लिए थे।
स्कूलों का हाल:
कक्षाएं चलीं लेकिन बहुत कम रहे बच्चे
लखनऊ। स्कूलों को फिर से खोलने की अटकलों और बहस के बीच अंततः निजी और सरकारी स्कूलों में 9 से 12 तक भौतिक रूप से कक्षाएं फिर से शुरू हो गईं लेकिन छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बहुत कम रही। हालांकि जो बच्चे स्कूल पहुंचे वे अपने शिक्षकों, दोस्तों से मिलकर काफी उत्साहित नजर आए।
उपस्थिति की बात करें तो पहले दिन छात्रों की संख्या बहुत उत्साहजनक नहीं थी। उदाहरण के लिए, राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज, जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल में 20% उपस्थिति रही। वहीं हॉर्नर कॉलेज में लगभग 68% छात्र पहुंचे। सिटी मॉण्टेसरी स्कूल ने 75% उपस्थिति का दावा किया। सीएमएस कानपुर रोड शाखा कक्षा 10 के छात्र, दीवांश मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि लम्बे ब्रेक के बाद स्कूल वापस आना, वह भी पहले सेमेस्टर के परिणाम के दिन, खुशी के साथ घबराहट भी हुई। कई छात्रों ने कहा कि स्कूल दोबारा खुलने से बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी ठीक से हो जाएगी।
थर्मल स्कैनिंग के बाद मिला प्रवेश
ज्यादातर स्कूलों में छात्र-छात्राओं की गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग की गई और उनके मास्क चेक करके उन्हें प्रवेश दिया गया। स्कूलों में सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया। परिसर में प्रवेश करने से पहले सैनिटाइटर का उपयोग कराया गया और सामाजिक दूरी का ध्यान रखा गया।
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