यूपी बोर्ड परीक्षा के दागी जिले शासन के रडार पर
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की तैयारियों में जुटा है, तो शासन नकलविहीन परीक्षा पर नजर लगाए है। इसके लिए शासन ने वर्ष 2021 को छोड़ पिछले तीन साल की बोर्ड परीक्षा को बदनाम करने वाले जिलों की रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा परिषद से तलब की है। इसमें प्रयागराज के साथ कौशांबी, बलिया, मऊ, गाजीपुर जिले के नाम सामने आए हैं। पकड़े गए मामलों और उसमें हुई कार्रवाई की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट भी मांगी गई है।
वर्ष 2022 की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 24 मार्च से शुरू हो रही हैं। इसके लिए 8373 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें कुल 51, 92,689 परीक्षार्थियों को सम्मिलित होना है। वर्ष 2021 में कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षा नहीं हुई थी। इस बार परीक्षा को नकलविहीन संपन्न कराने के लिए यूपी बोर्ड से लेकर शासन तक व्यूहरचना में जुटा है। मुख्य सचिव पिछले दिनों प्रदेश के सभी कमिश्नर, डीएम व पुलिस अफसरों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में नकल मामले में रासुका के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दे चुके हैं। इसके अलावा यूपी बोर्ड की पिछली तीन परीक्षाओं में नकल के मामले में दागी जिलों में हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भी शासन ने तलब की है। रिपोर्ट भेजी गई है कि मऊ में वर्ष 2020 की परीक्षा में भौतिक विज्ञान का प्रश्नपत्र वायरल करने वाले प्राइमरी स्कूल के शिक्षक को निलंबित कर दिया गया था। मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी गई है। कौशांबी में वर्ष 2020 में एसटीएफ द्वारा पकड़ी गई कापी, गाजीपुर और बलिया में पकड़ी गई कापी के मामले में भी एफआइआर दर्ज कराई गई थी।
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