शिक्षक और प्रधानाध्यापक पदों पर भर्ती महीनों से अटकी
शिक्षा निदेशालय और परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के बीच घनचक्कर बने अभ्यर्थी
नई सरकार के गठन के बाद जूनियर हाईस्कूलों भर्ती प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद
प्रयागराज । प्रदेश सरकार ने जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक भर्ती प्रक्रिया महीनों से अटकी पड़ी है। पिछले साल नवंबर में परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है। कई बार अभ्यर्थियों ने शिक्षा निदेशालय और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन कर भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाने की मांग भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि नई सरकार के गठन के बाद भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। अभ्यर्थियों ने तय किया है कि अगर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र आगे नहीं बढ़ाई गई तो एक बार फिर से आंदोलन शुरू करेंगे।
प्रदेश के जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापक के तकरीबन चक्कर लगा रहे हैं। 1500 पदों और प्रधानाध्यापक के 300 पदों पर भर्ती के लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से पिछले साल अक्तूबर में परीक्षा कराई गई थी। 15 नवंबर को परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया था। सहायक अध्यापक परीक्षा में लगभग 45 हजार और प्रधानाध्यापक के लिए 1700 अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण घोषित किया गया था, लेकिन परिणाम जारी होने के बाद भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी।
इससे परेशान अभ्यर्थी शिक्षा निदेशालय और परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से लगातार संपर्क कर रहे हैं। अभ्यर्थी ज्ञानवेंद्र सिंह का कहना है कि जब शिक्षा निदेशालय में संपर्क किया गया तो वहां बताया गया कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से अभी परिणाम ही नहीं भेजा गया, जबकि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से अभ्यर्थियों को जानकारी दी गई कि परिणाम निदेशालय को भेज दिया गया है।
जनवरी में सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर क्रमिक अनशन भी किया। इसी दौरान विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाने के कारण अनशन स्थगित कर दिया गया। अभ्यर्थियों का कहना है कि नई सरकार के गठन के बाद अगर प्रक्रिया तेजी से आगे नहीं बढ़ती है तो सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय और शिक्षा निदेशालय पर फिर से आंदोलन शुरू होगा।
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