राहत : मेडिकल कोर्स के बीच फीस बढ़ोतरी नहीं, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का अहम फैसला, नए सत्र से लागू होगा
नई दिल्ली : मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। सरकार ने मेडिकल कोर्स के बीच में फीस बढ़ाने पर रोक लगाने का फैसला किया है। यानी जिस फीस पर छात्र ने दाखिला लिया है, कोर्स के पूरा होने तक वही फीस लागू रहेगी। अगले सत्र से सभी कॉलेजों के लिए इन्हें लागू करना अनिवार्य कर दिया गया है। अभी तक मेडिकल कॉलेज बीच सत्र में फीस बढ़ा देते थे जिससे पढ़ाई कर रहे छात्रों को मुश्किल होती थी।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने हाल में फीस नियमन को लेकर जारी नियमों में कई नए प्रावधान जोड़े हैं। इसमें यह बात भी जोड़ी गई है कि मेडिकल कॉलेज कोर्स के बीच में छात्रों की फीस नहीं बढ़ाएंगे।
पहले वर्ष में दाखिला लेने वालों के लिए ही बढ़ी फीस :मेडिकल कॉलेजों से कहा गया है कि वह उपभोक्ता सूचकांक के आधार पर साल में एक बार या तीन साल में एक बार पांच फीसदी तक ही फीस बढ़ा सकते हैं। लेकिन यह बढ़ोतरी नए प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए होगी। यानी उस वर्ष जो छात्र पहले वर्ष में प्रवेश लेंगे, उन्हें बढ़ी हुई फीस देनी होगी लेकिन पहले से पढ़ रहे छात्रों के लिए पुरानी फीस ही लागू रहेगी। आदेश में कहा गया है कि फीस का निर्धारण वास्तविक लागत के आधार पर बिना किसी लाभ या हानि के किया जाना चाहिए।
मनमानी पर लगाम : देश में 595 मेडिकल कॉलेज हैं जिनमें से तकरीबन आधे निजी क्षेत्र के हैं। इनमें फीस को लेकर मनमानी बढ़ोतरी की जाती है और उसे अनुचित तरीके से लागू किया जाता है।
इसे देखते हुए सरकार ने व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकार के इस फैसले से हजारों छात्रों को राहत मिलने की उम्मीद है। मेडिकल छात्र इस संबंध में पिछले काफी समय से मांग उठा रहे थे।
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