निजी बीएड कॉलेजों की मान्यता पर NCTE करे विचार - दिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को निर्देश दिया है कि वह हरियाणा और राजस्थान के सौ अधिक निजी शिक्षक प्रशिक्षण एवं बीएड कॉलेजों को मान्यता देने पर विचार करे। ये संस्थान पिछले लंबे समय से मान्यता पाने का इंतजार कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा, . देश आज भी 100% साक्षरता का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जूझ रहा है। ऐसे में शैक्षणिक संस्थानों को बर्बाद होने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता।
जस्टिस रेखा पल्ली की अदालत ने दोनों राज्यों के इन कॉलेजों की ओर से दायर याचिका पर यह निर्देश दिया है। न्यायालय ने एनसीटीई को राज्यों के आदेश को दरकिनार कर इन कॉलेजों को मान्यता देने पर विचार करने के लिए कहा है। दोनों राज्यों के भीतर किसी भी कॉलेज को मंजूरी देने पर प्रतिबंध लगा रखा है।
कोर्ट ने कहा कि इस बात को अनदेखा नहीं किया जा सकता है कि एनसीटीई की सलाह के बाद ही इन कॉलेजों ने बीएड व शिक्षक प्रशिक्षण के अन्य पाठ्यक्रम की मंजूरी के लिए आवेदन किया और संसाधनों के विकास पर करोड़ों खर्च किए। ऐसे में इन संस्थानों के संसाधनों को बर्बाद होने के लिए छोड़ देना सही नहीं होगा। कोर्टी ने कहा, अगले शैक्षणिक सत्र के लिए याचिकाकर्ता कॉलेजों को मान्यता देने से एक फायदा यह होगा कि ऐसे शिक्षण संस्थानों की उपलब्धता बढ़ेगी।
क्या है मामला
एनसीटीई ने 2008 में देशभर में बीएड सहित शिक्षक प्रशिक्षण के विभिन्न कॉलेजों को मान्यता देने के लिए आवेदन मंगाए थे। इसके बाद हरियाणा राजस्थान के सौ से अधिक कॉलेजों ने भी संसाधन विकसित कर मान्यता के लिए आवेदन किया था। मगर, हरियाणा और राजस्थान सरकार ने 2009 में निर्णय किया कि राज्य में किसी कॉलेज को मान्यता नहीं दी जाएगी। इसके बाद एनसीटीई ने कॉलेजों को मान्यता देने के बारे में विचार किए बगैर ही अर्जी को वापस कर दिया।
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