केन्द्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए नई गाइडलाइंस जारी, जानिए किसे मिलेगा एडमिशन?
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने पहली क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के एडमिशन के लिए संशोधित गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। केवीएस की आधिकारिक वेबसाइट
kvsangathan.nic.in पर जाकर पैरेंट्स और स्टूडेंट्स ये गाइडलाइंस पढ़ सकते हैं।
नई गाइडलाइंस के अनुसार एकेडमिक 2022-23 में केंद्रीय विद्यालयों में एमपी कोटे से अब एडमिशन नहीं होंगे। केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों का विवेकाधीन कोटा खत्म कर दिया गया है।
कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों का एडमिशनकोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को अब पीएम केयर चाइल्ड स्कीम के तहत अब इन बच्चों को एडमिशन में प्राथमिकता मिलेगी।
इन बच्चों का एडमिशन जिला मजिस्ट्रेट की लिस्ट देने के बाद ही होगा। इसके तहत 10 बच्चे हर केवी में और हर क्लास में दो बच्चे हो सकते हैं। इन बच्चों को ट्यूशन फीस, कंप्यटर फंड पहली से 12वीं तक में छूट भी मिलेगी।
आर्म्ड फोर्स, जैसे वायुसेना, नौवी, कोस्ट गार्ड अपने डिफेंस पर्सेनल के अधिकतम कुल 6 बच्चों के नाम केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए भेज सकते हैं।
कर्मचारियों के बच्चों का भी सीधा दाखिलाकेंद्रीय विद्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चों का भी केवीएस में एडमिशन हो सकेगा। इसके लिए उन्हें कोई एंट्रेंस नहीं देनी है। लेकिन 9वीं में एंट्रेंस पास करना होगा। केंद्रीय विद्यालय संगठन के मुताबिक जिन केंद्रीय कर्मचारियों की नौकरी के दौरान ही मौत हो गई थी, उनके बच्चों का भी केन्द्रीय विद्यालय में सीधा एडमिशन हो पाएगा.
ऐसे भारतीय सैनिक जिन्हें परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र, सेना मेडल, नौसेना मेडल या वायुसेना मेडल में से कोई एक पुरस्कार मिला हो उनके बच्चों का केंद्रीय विद्यालय में सीधा एडमिशन होगा।
केंद्रीय विद्यालयों में कोटे से प्रवेश बंद, केंद्र सरकार ने लिया प्रवेश से जुड़ा बड़ा फैसला
प्रधानमंत्री की पहल पर केंद्र सरकार ने लिया प्रवेश से जुड़ा बड़ा फैसला
हर साल विशेष कोटे से करीब 40 हजार छात्रों का होता था दाखिला
सांसद, शिक्षा मंत्रलय के कर्मचारी सहित लगभग सभी कोटा खत्म
नई दिल्ली : केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने इनमें लागू कोटा प्रथा को लगभग समाप्त कर दिया है। इस फैसले के तहत जो कोटे खत्म किए गए हैं, उनमें सांसदों, शिक्षा मंत्रलय के कर्मचारियों, केंद्रीय विद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सहित प्रवेश से जुड़े करीब दर्जन भर कोटे शामिल हैं। केंद्रीय विद्यालयों में कोटे से हर साल 40 हजार सीटें भरी जाती थीं। इनमें अकेले करीब आठ हजार सीटें सांसदों की सिफारिश से भरी जाती थीं। प्रत्येक सांसद को 10 सीटों का कोटा दिया गया था।
विशेष कोटे से भरी जाने वाली ये सीटें स्कूलों में निर्धारित क्षमता के अतिरिक्त होती थीं। ऐसे में इस प्रवेश से केंद्रीय विद्यालयों की गुणवत्ता सहित छात्र-शिक्षक अनुपात और कई अन्य मानक प्रभावित हो रहे थे। प्रधानमंत्री ने इसमें हस्तक्षेप किया और कोटे की इस प्रथा को खत्म करने के लिए कहा।
सबसे पहले शिक्षा मंत्री ने खुद अपना कोटा खत्म किया। साथ ही केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) को प्रवेश से जुड़े विशेष कोटे की नए सिरे से समीक्षा करने के निर्देश दिए। पीएम की पहल और शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद केवीएस ने पिछले दिनों कोटे पर रोक लगा थी। साथ ही पूरे मामले की समीक्षा करने का फैसला लिया था।
केवीएस ने मंगलवार को प्रवेश से जुड़े करीब दर्जन भर विशेष कोटे को खत्म करने के साथ प्रवेश को लेकर एक संशोधित गाइडलाइन भी जारी की है। इसके तहत केवीएस ने सांसदों, शिक्षा मंत्रलय के कर्मचारियों, केंद्रीय विद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों, प्रायोजित एजेंसियों, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष (जिला कलेक्टरों या ऐसी एजेंसियों के प्रमुख जो स्कूल निर्माण के लिए भूमि मुहैया कराते हैं) के अतिरिक्त राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों आदि के कोटे को खत्म किया है।
सांसद अब अपने बच्चों को भी नहीं दिला पाएंगे प्रवेश
केंद्रीय विद्यालय में अपने विशेष कोटे से दूसरों को प्रवेश दिलाने वाले सांसद अब अपने बच्चों और नाती-पोतों को भी प्रवेश नहीं दिला सकेंगे।
प्रतिभाशाली विद्यार्थियों और कोविड में अनाथ बच्चों को कोटा
केवीएस ने खेल, स्काउट गाइड और फाइन आर्ट्स जैसी विधाओं से जुड़े प्रतिभाशाली बच्चों, एक बालिका और वीरता व बालश्री पुरस्कार प्राप्त बच्चों के कोटे को बरकरार रखा है। कोविड के चलते अनाथ हुए बच्चों और कश्मीरी विस्थापितों के बच्चों के लिए विशेष रियायत जारी रखने का भी फैसला लिया गया है।
कोविड में अनाथ हुए बच्चों को दाखिला पीएम केयर स्कीम के तहत दिया जाएगा। इसके तहत जिला कलेक्टर की सिफारिश पर किसी भी स्कूल में ऐसे 10 बच्चों को और एक कक्षा दो बच्चों को दाखिला देने का प्रविधान किया गया है। इनकी फीस भी माफ की गई है।