योगी सरकार ने मंजूरी दी थी 5 की स्कूलों ने फीस बढ़ा दी 15 फीसद तक
सिर्फ पांच फीसदी फीस बढ़ाने की है अनुमति, खुलेआम हो रहा शासनादेश का उल्लंघन
प्रयागराज : निजी स्कूल में बच्चों को पढ़ाना अभिभावकों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। शहर के दर्जनों स्कूलों ने 15 फीसदी तक फीस बढ़ा दी है, जिससे अभिभावकों की परेशानी बढ़ गयी है। कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने के बाद शासन ने निजी स्कूलों को सिर्फ पांच फीसदी तक फीस बढ़ाने की अनुमति दी थी, लेकिन सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के स्कूल शासनादेश मानने को तैयार ही नहीं हैं।
कोरोना संक्रमण काल में शासन ने स्कूल-कॉलेजों को फीस वृद्धि न करने का आदेश जारी किया था। इसके चलते निजी स्कूल-कॉलेजों में फीस नहीं बढ़ी थी। अब संक्रमण कम होने के बाद स्कूल कॉलेज खुल गए हैं। विगत 10 अप्रैल को शासनादेश जारी किया गया, जिसमें निजी स्कूलों को सिर्फ पांच फीसदी तक ही फीस में बढ़ोतरी की इजाजत दी गयी थी।
फीस बढ़ाने का फरमान जारी होते ही शहर के कई निजी स्कूलों ने आननफानन 15 फीसदी तक फीस बढ़ा दी है, जबकि शेष स्कूल भी फीस बढ़ाने की तैयारी में हैं। निजी स्कूल अभिभावकों पर नए सत्र में बढ़ी फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं। फीस न जमा करने पर बच्चों का स्कूल से नाम काटने की धमकी दी जा रही है।
नामांकन शुल्क 10 से 15 हजार
तक बढ़ा दिया एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल ने प्राइमरी सेक्शन में दाखिले की फीस 15 हजार रुपये तक बढ़ा दी है। पिछले साल तक इस स्कूल में एलकेजी में दाखिले के लिए 50 हजार रुपये लिए गए थे। वहीं इस बार दाखिले के लिए लगभग 65 हजार रुपये लिए जा रहे हैं। स्कूल प्रशासन फीस वृद्धि के बारे में पूछने पर यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि नामांकन शुल्क अधिक है। बाकी न्यूनतम ही बढ़ाई गई है।
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