69000 शिक्षक भर्ती मामला : एक अंक पर अटका है सात सौ से ज्यादा शिक्षकों का चयन, बेसिक शिक्षा मंत्री से की समाधान की उम्मीद
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती उत्तरकुंजी मामले में कोर्ट के आदेश का अनुपालन न किए जाने से एक अंक से चयन से वंचित अभ्यर्थियों में निराशा है। प्रदेश में नए बेसिक शिक्षा मंत्री के कार्यभार ग्रहण करने के बाद राहत पाने की उम्मीद में अभ्यर्थियों ने लखनऊ में उनसे मुलाकात की। बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी किस तरह इलाहाबाद उच्च न्यायालय की डबल बेंच के 25 अगस्त, 2021 के आदेश का अनुपालन नहीं कर रहे हैं, जिससे उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पा रही है।
शिक्षा मंत्री संदीप सिंह से मिले दुर्गेश शुक्ला ने बताया कि हाई कोर्ट ने प्रश्न नंबर 60 के तीसरे विकल्प को परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) की उत्तरकुंजी में सही मानने को अमान्य कर दिया।
प्रश्न था - 'शैक्षिक प्रशासन उपयुक्त विद्यार्थियों को उपयुक्त शिक्षकों द्वारा समुचित शिक्षा प्राप्त करने योग्य बनाता है जिससे वे उपलब्ध अधिक साधनों का उपयोग करके अपने प्रशिक्षण से सर्वोत्तम को प्राप्त करने में समर्थ हो सकें।'
यह परिभाषा दी गई है:-। उत्तर के विकल्प हैं- (1) एसएन मुखर्जी द्वारा, (2) कैम्बेल द्वारा, (3) वेलफेयर ग्राम द्वारा, (4) डा. आत्मानंद द्वारा।
पीएनपी ने उत्तरकुंजी में विकल्प तीन को सही माना। इसे अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद सभी विकल्पों को गलत माना और एक अंक से चयन से वंचित याचियों व अपीलकर्ताओं को एक अंक देकर चयन करने का आदेश 25 अगस्त, 2021 को दिया। दुर्गेश शुक्ला, राम मिश्रा, रोहित शुक्ला, प्रसून दीक्षित आदि का कहना है कि एक अंक दिए जाने पर सात सौ से ज्यादा अभ्यर्थियों को चयन हो जाएगा। सामान्य वर्ग में कटआफ अंक 97 गया है, जबकि उन्हें 96 अंक मिले हैं। एससी-एसटी का कटआफ अंक 90 है और कई को 89 अंक मिले हैं।
अभ्यर्थियों ने मंत्री को बताया कि सात माह बाद भी अधिकारी कोर्ट के आदेश का पालन न कर उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। मंत्री ने जल्द ही विभागीय अफसरों के साथ मीटिंग कर समाधान निकालने का भरोसा दिया है।
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