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Sunday, April 10, 2022

मिड डे मील के लिए सिर्फ 15 मिनट, 🙄  बेसिक शिक्षा परिषद का आदेश बना गले की फांस

मिड डे मील के लिए सिर्फ 15 मिनट, 🙄  बेसिक शिक्षा परिषद का आदेश बना गले की फांस

बेसिक शिक्षा : 15 मिनट में तो धुलते हैं बर्तन, बच्चे कैसे करेंगे भोजन?
 

बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में दोपहर का भोजन के लिए 15 मिनट निर्धारित कर दिया गया है, जबकि 15 मिनट में बच्चे लाइन में लगकर बर्तन धुलते हैं।

 बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकारियों का आदेश अध्यापकों के गले की फांस बन रहा है। लोगों की मांग पर शिक्षण कार्य के लिए सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े 12 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। इसमें सिर्फ 15 मिनट का वक्त एमडीएम के लिए दिया गया है। 15 मिनट में बच्चे हाथ धोकर कतार में बैठ भी नहीं पाते हैं। आदेश के बाद अध्यापक सोशल मीडिया पर अपनी आपत्ति दर्ज करा रहे हैं।


सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज ने धूप व गर्मी को देखते हुए परिषदीय व मान्यता प्राप्त विद्यालयों का संचालन सुबह साढ़े सात से दोपहर साढ़े 12 तक कर दिया है। प्रार्थना सभा साढ़े सात से 7:40 बजे तक व मध्यावकाश सुबह 10 से 10:15 बजे तक करने का निर्देश है। परिषदीय विद्यालयों में मध्यान भोजन योजना लागू है। एमडीएम ग्रहण करने के लिए अच्छे हाथोकर अपनी थाली लेकर कतार में बैठते हैं। 


भोजन ग्रहण करने के बाद बच्चों को अपनी थाली स्वयं धोनी होती है। हाथ धोकर खाना खाने और थाली धोने के लिए 15 मिनट का वक्त नाकाफी है। विद्यालयों में बच्चों की भीड़ की वजह से एक नल पर एक साथ इतने बच्चे हाथ धोने और बर्तन धोने का काम नहीं कर सकते हैं। सचिव के आदेश के बाद बीएसए ने भी साढ़े सात से साढ़े 12 बजे तक शिक्षण कार्य व इस बीच 15 मिनट का भोजन अवकाश करने का निर्देश दिया है।



परिषदीय विद्यालयों में समय बदलने का विरोध, शिक्षण स्टाफ को एक घण्टे विद्यालय में अकेले रहने के आदेश को बताया बेतुका




नये आदेश के जरिए फरमान, 15 मिनट में खिलाना होगा बच्चो को मिड डे मील


बेसिक शिक्षा परिषद ने शनिवार को ग्रीष्मावकाश होने तक परिषदीय स्कूलों के संचालन समय में बदलाव कर दिया। शिक्षकों को महज आधा घंटे की राहत दी गई जबकि स्कूली बच्चों को सुबह साढ़े सात बजे से दोपहर साढ़े बारह बजे तक उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। मात्र 15 मिनट के मध्यावकाश में ही बच्चों को एमडीएम खिलाना होगा। आदेश जारी होते ही यह चर्चा में आ गया।


सोशल मीडिया में आदेश की प्रति सामने आते ही शिक्षकों ने अपना विरोध जताया है। उनका साफ तौर पर कहना ै है कि दोपहर 2 बजे और डेढ़ बजे के अंतराल में तापमान कितना कम हो जाएगा। दरअसल शिक्षक अपने घरों से काफी दूर आते हैं। भीषण तपिश व गर्मी के बीच उन्हें बाइक या दूसरे साधनों से घर जाना पड़ता है। नाम न छापने की शर्त पर शिक्षकों ने कहा कि जारी किया गया यह आदेश व्यवहारिक कमई नहीं है।


सुझाव देते हुए कहा कि इससे अच्छा होता कि समय पूर्ववत ही रहता। तर्क दिया गया कि सुबह अब और अधिक जल्दबाजी करनी होगी जो उनके लिए सड़क में खतरनाक भी साबित हो सकता है। कभी भी किसी तरह का हादसा भी हो सकता है।


दोपहर 12.30 बजे तक रहेंगे बच्चे:
स्कूली बच्चों को सुबह साढ़े सात बजे से पांच घंटे तक स्कूल में रहना होगा। सुबह 10 बजे से सवा दस बजे तक मध्यावकाश होगा। 15 मिनट में स्कूली बच्चों को खाना खिलाना बड़ी चुनौती होगा। जानकारों ने कहा कि घर में लोगों को अपने घर में 15 मिनट में खाना खत्म करना मुश्किल लगता है, यहां तो बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे हैं, वह इतने कम समय में कैसे खाना खाएंगे। जिन स्कूलों में सफाईकर्मी नहीं हैं, वहां रसोईयों को स्कूल की सफाई का भी काम करना पड़ता है। ऐसे में आदेश का पालन कैसे होगा, यह कहना अभी जल्दबाजी होगा। कई तरह की समस्याएं भी हैं।


कई जिलों में डीएम बदल चुके थे समय
सूबे के कुछ जिलों में डीएम स्तर से स्कूल संचालन समय पूर्व में ही बदला जा चुका था लेकिन परिषद के आदेश के आने के बाद दी गई व्यवस्था के अनुसार स्कूल संचालन होगा।
 
लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने शनिवार को प्राइमरी स्कूलों के समय में बदलाव का आदेश जारी किया। कहा गया है कि ग्रीष्मावकाश शुरू होने तक विद्यालय सुबह 7.30 बजे से अपराह्न 1.30 बजे तक संचालित किए जाएंगे।


पठन-पाठन के लिए सभी छात्र-छात्राएं सुबह 7.30 बजे से अपराह्न 12.30 बजे तक विद्यालय में उपस्थित रहेंगे। इस दौरान सुबह 7.30 बजे से 7.40 तक प्रार्थना/योगाभ्यास और सुबह 10 बजे से 10.15 बजे तक मध्यावकाश होगा। शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक सुबह 7.30 बजे से अपराह्न 1.30 बजे तक उपस्थित रहकर दायित्व,प्रशासकीय काम निपटाएंगे।


 इस बीच परिषद के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विद्यालय का समय सुबह आठ से दोपहर 12 तक करने की मांग की है। कहा कि विद्यालय में अध्यापक-अध्यापिकाओं के दोपहर 12.30 से 1.30 बजे तक अकेले रहने का आदेश अव्यवहारिक है। प्रदेश में बहुत से विद्यालय दूरदराज के ग्रामीण अंचलों में हैं, जहां एक ही अध्यापिका है। वह अकेले विद्यालय में असुरक्षित होगी और कोई घटना भी हो सकती है।

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