मदरसा शिक्षकों की भर्ती में अब में नहीं चलेगा भाई-भतीजावाद, सरकार टीईटी की तर्ज पर एमटीईटी करने जा रही है लागू
◆ एमटीईटी पास करने वाले ही बन सकेंगे मदरसों में शिक्षक
◆ मदरसों में गुणवत्ता शिक्षा के लिए सरकार का एक और कदम
लखनऊ : मदरसा शिक्षकों की भर्ती में अब भाई-भतीजावाद नहीं चलेगा। मदरसों में सुधार की दिशा में उठाए जा रहे कदमों के तहत योगी सरकार ने अब मदरसा शिक्षकों की भर्ती की इस व्यवस्था पर लगाम लगाने जा रही है। सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की तर्ज पर मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एमटीईटी) लागू करने का निर्णय लिया है। एमटीईटी पास करने वाले अभ्यर्थी ही मदरसों में शिक्षक बन सकेंगे। यह परीक्षा उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद कराएगा।
दरअसल, प्रदेश सरकार से अनुदानित मदरसों में शिक्षकों के पद भरने का अधिकार वहां की प्रबंध समिति के पास होता है। मदरसा प्रबंधक शिक्षकों की भर्ती में अपनी मनमानी करते हैं। ज्यादातर प्रबंधक मदरसों में अपने रिश्तेदारों को ही तैनात कर लेते हैं। ऐसे में कई बार मदरसों में योग्य शिक्षक नहीं आ पाते हैं।इसका असर मदरसों की शिक्षा पर पड़ता है। इसलिए सरकार मदरसा शिक्षकों की भर्ती के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश अरबी फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन एवं सेवा विनियमावली 2016 में जरूरी संशोधन किया जाएगा। मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एमटीईटी का नियम लागू किया जा रहा है। इसके लागू होने के बाद उत्तर पाते हैं। इसका असर मदरसों की प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद एमटीईटी कराएगा। इसमें जो भी अभ्यर्थी उत्तीर्ण होंगे वह मदरसा शिक्षक बनने के योग्य होंगे। यानी मदरसों में अब जितने भी शिक्षकों के पद रिक्त हैं या भविष्य में रिक्त होंगे उनमें एमटीईटी पास करने वाले अभ्यर्थी ही शिक्षक बन सकेंगे। इसका विस्तृत प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है।
शिक्षकों के खाली हैं 482 पद
मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश सरकार 558 मदरसों को अनुदान देती है। वर्तमान में प्रधानाचार्य के 49 व शिक्षकों के 482 पद रिक्त हैं। इन सभी पदों पर भर्ती एमटीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों की होगी। एमटीईटी लागू होने के बाद मदरसों में योग्य शिक्षक मिल सकेंगे।
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