यूपीबोर्ड : मूल्यांकन में परीक्षकों के लिए दो वर्ष के अनुभव की बाध्यता खत्म
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने प्रायोगिक परीक्षा - 2022 के बीच में ही शनिवार से मूल्यांकन कार्य भी शुरू करा दिया। बोर्ड ने मूल्यांकन में लगाए जाने वाले परीक्षकों के दिए दो वर्ष का शिक्षण अनुभव अनिवार्य किया था, जिसे अब खत्म कर दिया। गया है। अब योग्यता के अनुसार परीक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है।
यूपी बोर्ड दो चरणों में प्रायोगिक परीक्षा आयोजित करा रहा है। पहले चरण की प्रयोगिक परीक्षा दस मंडलों में 27 तक चलेगी। 28 अप्रैल से आठ मंडलों के जिलों में दूसरे चरण के प्रायोगिक परीक्षा होगी, जो पांच मई तक चलेगी। उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। मूल्यांकन कार्य के लिए प्रदेश में 271 केंद्र बनाए गए हैं। मूल्यांकन के लिए सवा लाख से अधिक परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, जो करीब ढाई करोड़ उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करेंगे। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि परीक्षकों के शिक्षण अनुभव को इसलिए शिथिल किया गया, क्योंकि वह योग्यता के आधार पर चयनित होते हैं।
पहले दिन मूल्यांकन के लिए नहीं आए 1269 परीक्षक
जासं, प्रयागराज : यूपी बोर्ड परीक्षा की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कापियों का मूल्यांकन शनिवार से शुरू हो गया। पहले दिन कापियों को जांचने के लिए कुल 3812 परीक्षक लगाए गए। इनमें से मात्र 2543 परीक्षक उपस्थित हुए। 1269 परीक्षक नदारद रहे। इंटरमीडिएट के लिए 1465 परीक्षक और 158 डीएचई लगाए गए थे। इनमें से 774 परीक्षक और 67 डीएचई आए। हाईस्कूल में 2347 परीक्षक और 239 डीएचई में से मात्र 1769 परीक्षक और 137 डीएचई आए।
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