शिक्षक संघ की मांग - अधिकारी दें ध्यान, बच्चों और अभिभावकों के सामने ही अध्यापकों का अपमान उचित नहीं
बांदा । परिषदीय स्कूलों के निरीक्षण में अधिकारियों द्वारा बच्चों और अभिभावकों के सामने अध्यापकों को डांट फटकार और अपमानित करने पर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध जताया। कहा कि शिक्षक को सरेआम बेइज्जत करना न्याय संगत नहीं है और न ही इससे शिक्षा की प्रगति होगी।
रविवार को संघ के तत्वावधान में आयोजित संवाद कार्यशाला में यह विरोध शिक्षक नेताओं ने बीएसए रामपाल सिंह की मौजूदगी में जताया। अध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी ने कहा कि उच्चाधिकारी निरीक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं और अभिभावकों के सामने ही शिक्षकों को अपमानित कर रहे हैं।
गलतियां और कमियां हो सकती हैं, लेकिन जिन बच्चों को शिक्षक पढ़ा रहे हैं, उन्हीं के सामने अपमानित करना ठीक नहीं। बेसिक शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया। जिला मंत्री प्रजीत सिंह ने कहा कि नए शिक्षकों की अवशेष सूची अब तक अपडेट नहीं की गई। पदोन्नति नहीं हो रही है।
अफसरों को नहीं दिख रह्रे चहारदीवार विहीन 300 स्कूल
कार्यशाला में प्राथमिक शिक्षक संघ नेताओं ने कहा कि अध्यापकों की जरा सी चूक पर उनकी सरेआम फजीहत करने वाले अधिकारियों को जिले के वह 300 विद्यालय नजर नहीं आ रहे, जहां चहारदीवारी नहीं है। इसके अलावा और भी कई समस्याओं से विद्यालय जूझ रहे हैं। अतिक्रमण व पेयजल संकट है। प्रशासन को यह भी समझना चाहिए।
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