सुधार का प्रयास : स्कूली भोजन की गुणवत्ता परखेंगे उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र
नई दिल्ली: कोरोना काल के बाद देश भर के स्कूल अब पूरी तरह से खुल गए हैं। सरकार का फोकस स्कूलों में बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखने को लेकर है। इस लिहाज से जो अहम कदम उठाए गए हैं, उनमें स्कूलों में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को परखने का जिम्मा अब उच्च शिक्षण संस्थानों को दिया गया है। उन्हें स्कूलों में बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन को जांचना होगा औक खुद भी उसे चखकर उसकी रेटिंग करनी होगी।
पीएम पोषण के नाम से (पहले मिड डे मील) स्कूली बच्चों को गर्मागर्म भोजन मुहैया कराने के लिए चलाई जा रही इस स्कीम में शिक्षा मंत्रालय का सबसे ज्यादा फोकस गुणवत्ता को बेहतर बनाने को लेकर है। नई पहल के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों के फूड एंड न्यूट्रिशन विभाग में पढ़ने वाले छात्रों को हर साल अनिवार्य रूप से एक स्कूल का दौरा करना होगा। जो उनकी शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल होगा। इस दौरान छात्रों को मंत्रालय की ओर से तैयार किया गया एक फार्मेट भी भरना होगा, जिसमें भोजन से जुड़ी करीब 25 जानकारियां देनी होंगी। इतना ही नहीं, छात्रों को रिपोर्ट सीधे शिक्षा मंत्रालय को मेल पर भेजनी होगी। उन्हें बताना होगा कि खाना अच्छा, सामान्य या फिर खराब है।
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