KVS : केन्द्रीय विद्यालयों में प्रवेश से संबंधित 17 श्रेणियों के विवेकाधीन कोटे पर लगी अस्थाई रोक
KVS admission: केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने इसके तहत आने वाले स्कूलों में प्रवेश के संबंध में सांसदों सहित सभी 17 श्रेणियों के विवेकाधीन कोटे पर अस्थायी रोक लगा दी है।
संगठन के एक अधिकारी ने बताया कि अगले सप्ताह कोटे से जुड़े विषय की समीक्षा होने वाली है, ऐसे में कुछ समय के लिये इस बारे में अस्थायी रोक लगाने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि यह अस्थायी निर्देश है और केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश से संबंधित सभी 17 श्रेणियों के विवेकाधीन कोटे के संबंध में है । विद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में अगले आदेश तक इस पर (कोटे) रोक लगाने को कहा गया है। ''
उन्होंने बताया कि समीक्षा के बाद ही कोई आदेश जारी किया जायेगा । समझा जाता है कि समीक्षा के बाद इस विषय को केंद्रीय विद्यालय संगठन से जुड़े संचालक बोर्ड के समक्ष रखा जायेगा । इसमें किस कोटे को जारी रखना और किस को खत्म करना है, इस पर अंतिम निर्णय हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार जिन विषयों की समीक्षा की जानी है, उनमें जिलाधिकारी, केंद्रीय विद्यालय कर्मियों, पहले बच्चे के बालिका होने, सांसदों आदि का विवेकाधीन कोटा शामिल है। इससे पहले शिक्षा मंत्री ने भी पिछले साल केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के अपने कोटे पर खत्म कर दिया था।
प्रत्येक सांसद को उसके निर्वाचन क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश के लिए 10 सीटों का कोटा मिलता है जिसमें उसकी सिफारिश पर क्षेत्र के किसी विद्यार्थी का इन विद्यालय में दाखिल हो सकता है।
गौरतलब है कि हाल में संपन्न संसद के बजट सत्र में 21 मार्च को कई सांसदों ने केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के संबंध में प्रत्येक सांसद को दिये गए 10 सीटों के कोटे का विषय लोकसभा में उठाया था । कांग्रेस के मनीष तिवारी सहित कुछ सांसदों ने मांग की थी कि कोटे की संख्या को बढ़ाया जाए अन्यथा इसे पूरी तरह समाप्त कर दिया जाए।
इस पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा था कि इस विषय पर सभी दलों के नेताओं से मंत्री बात करेंगे और फिर कोई अंतिम निर्णय किया जायेगा ।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुशील कुमार मोदी ने केंद्रीय विद्यालय में दाखिले के संबंध में सांसदों को मिले विवेकाधीन कोटे को समाप्त करने की मांग राज्यसभा में उठाई थी।
केंद्रीय विद्यालयों के दाखिले में अब नहीं चलेगा कोई कोटा, सांसदों की सिफारिश पर भी लगी रोक
केंद्रीय विद्यालय संगठन के मुताबिक सांसदों के केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले से जुड़े कोटे को खत्म करने को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। इसे सिर्फ रोका गया है। इसके साथ ही दूसरी श्रेणियों के भी विशेष कोटे की भी समीक्षा की जा रही है।
नई दिल्ली : केंद्रीय विद्यालयों के दाखिले में अब कोई कोटा नहीं चलेगा। केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने फिलहाल सांसदों सहित केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले से जुड़ी सभी 17 श्रेणियों के विशेष कोटे पर रोक लगा दी है। यह रोक अभी अस्थायी रूप से लगाई गई है, लेकिन माना जा रहा है कि अब इसका बहाल होना मुश्किल है। इससे पहले शिक्षा मंत्री ने भी पिछले साल केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के अपने कोटे पर खत्म कर दिया था। इससे पहले तक शिक्षा मंत्री अपने कोटे से हजारों छात्रों को केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला दिलवाते थे। यह दाखिला केंद्रीय विद्यालयों में निर्धारित सीटों के अतिरिक्त होता था।
केंद्रीय विद्यालय संगठन के मुताबिक सांसदों के केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले से जुड़े कोटे को खत्म करने को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। इसे सिर्फ रोका गया है। इसके साथ ही दूसरी श्रेणियों के भी विशेष कोटे की भी समीक्षा की जा रही है। इनमें कलेक्टर, केंद्रीय विद्यालय कर्मियों और पहले बच्चे के बालिका होने आदि से जुड़ा कोटा शामिल है।
केंद्रीय विद्यालयों में इस बार दाखिले की प्रक्रिया में है कुछ देरी
संगठन के मुताबिक समीक्षा के बाद इन्हें केंद्रीय विद्यालय संगठन से जुड़े बोर्ड आफ गर्वनेंस (BOG) की बैठक में रखा जाएगा। जिसके अध्यक्ष शिक्षा मंत्री होते हैं। इसमें किस कोटे को जारी रखना और किस को खत्म करना इस पर अंतिम निर्णय होगा। वैसे देखा जाए तो केंद्रीय विद्यालयों में इस बार दाखिले का प्रक्रिया में कुछ देरी है। इसकी एक वजह कोरोना संक्रमण है, जबकि दूसरा कारण केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले की उम्र सीमा को पहली कक्षा में छह वर्ष किए जाने के फैसले को लेकर पैदा हुआ विवाद था। जिसे कोर्ट में भी चुनौती दी गई, लेकिन कोर्ट ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के अनुरूप करार देते हुए इसमें दखल देने से अब इन्कार कर दिया है।
अभी तक एक सांसद दस बच्चों का करा सकते थे दाखिला
मौजूदा समय में प्रत्येक सांसद किन्हीं भी दस बच्चों का किसी भी कक्षा में अपने विशेष कोटे से दाखिला दिला सकते थे। इनमें लोकसभा सदस्य को अपने लोकसभा क्षेत्र के बच्चों को जबकि राज्यसभा सदस्य जिस प्रदेश से चुनकर आते हैं उस प्रदेश के किन्हीं भी दस बच्चों को प्रदेश के किसी भी जिले के केंद्रीय विद्यालय में दाखिला दिला सकते हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के विशेष कोटे को खत्म करने की मांग संसद में भी उठी थी। कई सांसदों का कहना था कि कभी कभी यह उनके हारने का भी कारण बन जाता है। क्योंकि अभी उनके पास दस सीटों का ही कोटा है, लेकिन उनके पास दाखिले के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आते हैं। जिनका काम नहीं हो पाता वे लोग नाराज हो जाते हैं।
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