DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Monday, April 18, 2022

UP board result : यूपी बोर्ड की फीस बढ़ी, लेकिन पारिश्रमिक नहीं, शिक्षकों ने की यूपी बोर्ड में मेहनताना बढ़ाने की मांग

UP board result : यूपी बोर्ड की फीस बढ़ी, लेकिन पारिश्रमिक नहीं, शिक्षकों ने की यूपी बोर्ड में मेहनताना बढ़ाने की मांग

पेट्रोल के दाम बढ़े, महंगाई बढ़ी लेकिन शिक्षकों का पारिश्रमिक नहीं बढ़ा। शिक्षकों का दावा है कि यूपी बोर्ड में कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी करने से लेकर कॉपियां जांचने तक में पारिश्रमिक कम है। लिहाजा उन्होंने पारिश्रमिक बढ़ाने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक को मांग पत्र सौंप दिया है।


शिक्षकों की मांग है कि यूपी बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी करने वाले शिक्षकों का पारिश्रमिक बहुत कम है। इसे सीबीएसई के समकक्ष किया जाए। इससे पहले राज्य सरकार ने 2019 में पारिश्रमिक बढ़ाया था। वर्ष 2019 से पहले 2015 में और इससे पहले 2013 में पारिश्रमिक बढ़ाया गया। शिक्षक नेताओं का कहना है कि वर्ष 2013 में 20 वर्षों बाद दरें बढ़ाई गईं। लिहाजा अब भी दरें बहुत कम हैं।
 
वर्ष 2019 में राज्य सरकार ने कॉपियां जांचने के लिए हाईस्कूल में प्रति कॉपी 8 से बढ़ाकर 11 रुपये और इण्टरमीडिएट में 11 से बढ़ाकर 13 रुपये किया। सीबीएसई 25 रुपये प्रति कॉपी देता है। वर्ष 2019 में यूपी बोर्ड ने पहली बार मूल्यांकन केन्द्रों पर 20 रुपये की दर से जलपान व्यय तय किया गया। शिक्षक नेता अजय सिंह कहते हैं कि अब जबकि एक चाय के दाम भी सात से 10 रुपये हो चुके हैं तब ये दरें बहुत कम है। इसी तरह वाहन भत्ता 27 रुपये है इसमें रिक्शा तक नहीं मिलता जबकि सीबीएसई 250 रुपये देता है।  

हमने पिछले महीने शैक्षिक सत्र 2019-20 के बचे हुए पारिश्रमिक के बकाए के भुगतान के लिए धरना दिया था। हमने सीबीएसई के बराबर मानदेय की मांग भी रखी है।
डा. आरपी मिश्र, प्रदेश मंत्री, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट)

हमने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को अपना मांग पत्र सौंप दिया है। हम सरकार की प्रतिक्रया का इंतजार कर रहे हैं। डा. महेन्द्र नाथ राय, प्रदेश मंत्री, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (चेत नारायण गुट)

ऑनलाइन मिलेगा पारिश्रमिक
इस वर्ष राज्य सरकार ने बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों समेत मूल्यांकन के लिए भी सॉफ्टवेयर के माध्यम से ड्यूटी लगाई है। सरकार के फैसले के मुताबिक, परीक्षा के बाद इनके खाते में सीधे पारिश्रमिक पहुंच जाएगा। पहली बार सरकार इस तरीके से भुगतान करेगी, इससे बकाया खत्म होगा।

No comments:
Write comments