उम्मीद खत्म: तदर्थ शिक्षकों को अब न नौकरी, न ही वेतन, अशासकीय सहायता प्राप्त कॉलेजों में हैं तैनात, शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने 2000 के बाद की नियुक्तियों के संबंध में साफ की स्थिति
एडहॉक टीचर नहीं हो सकते परमानेंट, UPSESSB ने TGT PGT भर्ती में दिया था मौका
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. सरिता तिवारी ने साफ कर दिया है कि तदर्थ शिक्षकों को नियमित नहीं किया जा सकता। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह के प्रश्न के जवाब में यह लिखा गया है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. सरिता तिवारी ने साफ कर दिया है कि तदर्थ शिक्षकों को नियमित नहीं किया जा सकता। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह के प्रश्न के जवाब में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती 2021 ( UPSESSB TGT PGT Recruitment ) में तदर्थ शिक्षकों को अवसर दिया था।
नियुक्ति के आधार पर भारांक देते हुए सफल तदर्थ शिक्षकों को नियमित शिक्षक के रूप में पैनल व कार्यभार ग्रहण कराने के आदेश जारी किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के सात दिसंबर 2021 के आदेश में परीक्षा में असफल या प्रतिभाग न करने वाले तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने की कोई व्यवस्था नहीं है। इस प्रकार 30 दिसंबर 2000 के बाद नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को सेवा में बनाए रखना या वेतन दिया जाना नियम संगत नहीं है।
30 दिसंबर 2000 के पूर्व से नियुक्त एवं वर्तमान में कार्यरत ऐसे शिक्षक जो कोर्ट के अंतरिम आदेश से वेतन प्राप्त कर रहे हैं, उनके विनियमितीकरण के संबंध में वित्त एवं न्याय विभाग की सहमति नहीं है।
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