प्रत्यावेदन के जरिए 822 शिक्षकों ने मांगा अपना मूल जिला
Updated : 18 मई 2022
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद में चार साल पहले आई 68500 शिक्षकों की भर्ती अब जिला आवंटन में उलझी हुई है। चयन के बाद शिक्षकों को जिला आवंटन किया गया तो तमाम शिक्षक अपने मूल जनपद से दूर पहुंच गए। उसके बाद जो सूची जारी की गई, उसमें कम मेरिट के शिक्षकों को उनके गृह जनपद या समीपवर्ती जिले आवंटित हो जाने पर विरोध शुरू हो गया। अधिक मेरिट के बावजूद दूर जिलों में तैनाती पाए शिक्षकों के विरोध करने पर उनसे फिर प्रत्यावेदन लिया जा रहा है।
मंगलवार शाम तक 822 शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में इस उम्मीद में प्रत्यावेदन जमा किए कि विकल्प में | दर्शाया जिला आवंटित हो जाएगा। बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में मंगलवार को प्रत्यावेदन देने पहुंचे अभ्यर्थियों ने बताया कि विभाग उन्हें प्रत्यावेदन और विकल्प के नाम पर परेशान कर रहा है। कोर्ट के आदेश पर जब शिक्षकों ने जिला आवंटन के लिए विकल्प के साथ प्रत्यावेदन दिया था, तब नहीं बताया गया कि 30 जिलों में पद रिक्त नहीं है। उन्हें यह पता तब चला जब 10 मई को बेसिक शिक्षा परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल ने जिला आवंटन की सूची जारी की तो कई का स्थानांतरण नहीं हुआ।
शिक्षकों का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर लिए गए प्रत्यावेदन के दौरान ही स्पष्ट किया जाना चाहिए था कि 30 जिलों में पद रिक्त नहीं है। ऐसे में 30 जिलों को छोड़कर अन्य जिलों का विकल्प दिया जाए। ऐसा किया गया होता तो इस प्रचंड गर्मी में दूर दराज जिलों से सफर तय कर प्रत्यावेदन देने के लिए परेशान न होना पड़ता।
68500 शिक्षक भर्ती के 229 शिक्षकों ने जिला आवंटन हेतु मांगा प्रथम विकल्प
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की 68500 पदों की शिक्षक भर्ती में विवादों से नाता चार साल में खत्म नहीं हो पाया। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने कोर्ट के आदेश के आदेश पर 2908 शिक्षकों को विकल्प के जिले आवंटित कर दिए, लेकिन सामान्य वर्ग के 229 शिक्षक फिर भी वंचित रह गए। वंचित शिक्षकों ने सामान्य वर्ग के रिक्त बचे 4881 पदों पर पूर्व में आनलाइन भरे प्रथम वरीयता के विकल्प में शिफ्ट करते हुए जिला आवंटन की मांग की है।
वंचित अभ्यर्थियों का कहना है कि इस भर्ती में जिला आवंटन में अनियमितता की गई थी, जिसके खिलाफ याचिका लगाई गई थी। इसका निस्तारण कर हाई कोर्ट ने 14 सितंबर 2021 को आदेश दिया कि सामान्य वर्ग के अपीलकर्ताओं से उनकी पसंद के तीन जिलों का विकल्प लेकर समायोजन किया जाए।
इस क्रम में दस मई को जिला आवंटन में सामान्य वर्ग के 727 शिक्षकों का भी जिला आवंटन हुआ, लेकिन 229 रह गए, जिसमें मुख्य याचिकाकर्ता भी शामिल है। चार सूचियां जारी होने के बाद भी सभी को राहत नहीं मिलने से अभ्यर्थियों ने नाराजगी है। मांग की गई है कि सामान्य वर्ग के बचे पदों की पूर्व की तरह शिफ्टिंग कर जनपद आवंटित किया जाए।
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