शिक्षामित्रों को स्थायी करने की मांग पर सपा का विधान परिषद से बहिर्गमन
लखनऊ। विधान परिषद में शुक्रवार को शिक्षामित्रों की समस्याओं पर सपा सदस्य कार्यस्थगन प्रस्ताव लाए। उन्होंने सरकार पर शिक्षामित्रों की उपेक्षा का आरोप लगाया। नेता सदन स्वतंत्रदेव सिंह के जवाब से असंतुष्ट सपा के सदस्यों ने वॉकआउट किया। इसके अलावा उन्होंने कार्यस्थगन प्रस्तावों का उनका कोटा दो से एक किए जाने पर भी नाराजगी जताई और सदन से बाहर चले गए।
सपा के डॉ. मान सिंह यादव ने कहा कि भाजपा ने चुनाव से पहले शिक्षामित्रों को स्थायी करने का वादा किया था लेकिन अब उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये मानदेय और 11 माह का वेतन देकर उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है।
आशुतोष सिन्हा ने कहा कि शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देकर उन्हें स्थायी शिक्षक बनाया जाना चाहिए, जैसा कि सपा सरकार में किया गया था।
नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि इस बारे में सरकार संसद से प्रस्ताव पास कराए ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इतर जाकर शिक्षामित्रों के हित में निर्णय हो सके।
नेता सदन ने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों की समस्याओं का जरूर समाधान करेगी।
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