मान्यता और वित्त पोषित कॉलेजों का ब्योरा हाईकोर्ट ने किया तलब
लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव को प्रदेश के सभी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों की जनशक्ति निर्धारण, शिक्षकों के सृजित पद, प्राप्त अधियाचनों एवं वर्तमान समय में शिक्षकों के रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रबंधनों की ओर से अधियाचन भेजने के बाद भी चयन बोर्ड से भेजे गए अभ्यर्थियों को नियुक्ति न देना अत्यंत संदेहास्पद है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने बस्ती के किसान इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति की याचिका पर दिया है।
प्रबंध समिति के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि विद्यालय में इतिहास विषय के प्रवक्ता के रूप में नितेश कुमार शुक्ल कार्यरत हैं, जिन्हें विद्यालय प्रबंधन ने वर्ष 2018 में नियुक्त किया था। उक्त प्रवक्ता न्यायालय के स्थगनादेश पर कार्य कर रहे हैं। फिर भी चयन बोर्ड ने नए अभ्यर्थी को भेज दिया। सरकारी वकील का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2020 में संजय सिंह केस में दिए गए निर्णय के उपरांत एडहॉक अध्यापक कार्य नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि राज्य के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय चयन बोर्ड को अधियाचन प्रेषित कर देते हैं लेकिन चयनितोंको विद्यालय में ज्वाइन नहीं कराते।
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