शिक्षकों पर जबरन बनाया जा रहा दबाव :
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान ने बताया कि जिले में पुस्तक वितरण के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया गया है। घोटाले को छिपाने के लिए विभाग के उच्चाधिकारी अपने विभागीय अधिकारियों के माध्यम से अध्यापकों पर दबाव बनाकर फर्जी पुस्तक वितरण प्रमाण पत्र मांग रहे हैं। उन्हें वेतन रोकने व निलंबन तक की धमकी दी जा रही है। आरोप है कि जांच के नाम पर जिला प्रशासन ने पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया है।
ऐसे किया गया गड़बड़झाला :
वर्ष 2021- 2022 में जिले के महेबा व कदौरा ब्लाक के किसी भी विद्यालय में कक्षा एक की किताबें नहीं पहुंची। यह बात शिक्षक दबी जुबान से बताते हैं जबकि किताबों के वितरण को लेकर बीते अक्टूबर माह में शिक्षको के द्वारा जनपद के नौ ब्लाकों से मांगपत्र बीईओ के माध्यम से बीएसए को प्रेषित किए थे। फिर भी किताबें नही भेजी गईं। इससे पूर्व 2020- 21 में भी निशुश्ल्क बांटी जाने वाली पुस्तकें विद्यालयों तक नही पहुंचाई गईं थीं।
जनपद में परिषदीय विद्यालयों की संख्या व छात्रों की संख्या
प्राथमिक विद्यालय : 949
उच्च प्राथमिक विद्यालय : 322
कंपोजिट विद्यालय : 229
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कुल छात्र
1लाख 55 हजार 394
हिंदी माध्यम के छात्रों की संख्या : 1लाख 36 हजार 344
अंग्रेजी माध्यम के छात्रों की संख्या : 19 हजार 50
उर्दू माध्यम के छात्रों की संख्या : 1523
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शिकायत मिली है, जिसमें एक जांच कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम कालपी को नामित किया गया है। कुछ स्थानों में किताबों का वितरण न होने की बात सामने आई है। जांच के बाद स्थिति सामने आएगी।
प्रियंका निरंजन, डीएम जालौन
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जिले के बीएसए पर गंभीर आरोप हैं इसकी निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए। शिक्षकों को अनावश्यक प्रताड़ित किया जा रहा है। जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच की अपेक्षा की गई है। दोषी लोगों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
धनश्याम अनुरागी, जिला पंचायत अध्यक्ष, शिकायतकर्ता
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