अरबी-फारसी मदरसों में समूह 'घ' की भर्तियों की जांच शुरू
विशेष सचिव जेपी सिंह ने कहा- नियमित नियुक्तियों पर थी रोक।
निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म डॉ. रोशन जैकब को सौंपी गई जांच।
लखनऊ : अरबी-फारसी मदरसों में समूह घ के पदों पर नियमित नियुक्तियों की जांच होगी। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव ने जांच के आदेश जारी करते हुए कहा है कि इन पदों पर केवल आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्तियां किए जाने का प्रावधान है। बावजूद इसके मदरसा बोर्ड के तत्कालीन रजिस्ट्रार एसएन पांडेय ने अनियमित तरीके से इन नियुक्तियों की वित्तीय सहमति प्रदान कर दी। पूरे प्रकरण की जांच निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म डा. रोशन जैकब को जांच सौंपी गई है।
मामला सेवा नियमावली वर्ष 2016-2017 से जुड़ा है। विशेष सचिव जेपी सिंह ने आदेश में कहा है कि उप्र अशासकीय अरबी और फारसी मदरसों में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियमित नियुक्तियां किए जाने पर रोक लगाई गई थी। ऐसे पदों पर केवल आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्तियों का प्रावधान था। इसके बावजूद 22 जुलाई 2016 के बाद तत्कालीन रजिस्ट्रार मदरसा बोर्ड एसएन पांडेय (संयुक्त निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग) द्वारा अनियमित तरीके से समूह घ के पदों पर नियमित नियुक्ति का अनुमोदन व वित्तीय सहमति दे दी गई। उधर विभाग के उप सचिव शकील सिद्दीकी ने सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारयों को पत्र भेजकर इस दौरान मदरसों में हुई समूह घ की सभी भर्तियों की सूचना दो दिन में भेजने को कहा है।
नियुक्तियां वैध, क्लीन चिट दे चुकी है सरकार : पांडेय
संयुक्त निदेशक एसएन पांडेय ने बताया कि नियुक्तियों का अनुमोदन नियमानुसार दिया गया है। इस प्रकरण में 22 जुलाई 2019 को विधानसभा में उठाए गए एक सवाल के जवाब में सरकार इन नियुक्तियों को क्लीन चिट दे चुकी है। इस प्रकरण के सवाल के जवाब में विभाग के तत्कालीन मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने जवाब दिया था कि 15 नियुक्तियों का यह मामला हाईकोर्ट में गया तो हाईकोर्ट द्वारा उप्र मदरसा सेवा विनियमावली में किए गए प्रथम संशोधन 22 सितंबर 2017 के पूर्ववर्ती होने के कारण नियुक्तियां वैध मानते हुए आदेश पारित किए जिसके क्रम में नियमानुसार अनुमोदन प्रदान किया गया।
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