इस शैक्षिक सत्र डिजिटल पर जोर, हाजिरी-निरीक्षण टैब से,
प्राइमरी के साथ माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भी टैबलेट देने की योजना
लखनऊ । इस शैक्षिक सत्र में यूपी में डिजिटल पर जोर रहेगा। प्राइमरी के साथ अब माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भी टैबलेट दिया जाएगा। प्राइमरी स्कूलों के दो शिक्षकों को लैपटॉप दिया जाएगा। सभी माध्यमिक स्कूलों, केजीबीवी और 21 हजार प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास भी लगाई जाएगी। ये प्रस्ताव राज्य सरकार समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना में भेज रही है। प्रदेश में 2675 माध्यमिक और 1.33 लाख प्राइमरी व जूनियर स्कूल हैं।
प्राइमरी स्कूलों में डाटा अपलोड करने से लेकर बायोमीट्रिक हाजिरी तक के लिए टैबलेट देने की योजना पर पिछले तीन सालों से काम चल रहा है लेकिन अभी तक प्रधानाध्यापकों के पास टैबलेट नहीं पहुंचे हैं। अब इसके साथ ही माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भी टैबलेट दिया जाएगा। प्राइमरी स्कूलों के दो शिक्षकों को हिन्दी व गणित को सुदृढ़ बनाने के लिए लैपटॉप दिया जाएगा।
ई लाइब्रेरी पोर्टल भी बन रहा
प्रदेश सरकार छात्रों तक अध्ययन सामग्री की आसानी से उपलब्धता के लिए ईझ्रलाइब्रेरी पोर्टल विकसित करेगी। इससे कम संसाधनों में विद्यार्थियों तक शैक्षिक सामग्री की पहुंच आसान होगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इसे 100 दिनों की कार्ययोजना में शामिल किया है।
बायोमिट्रिक अटेंडेंस के निर्णय वापसी की मांग
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की आम सभा की बैठक का आयोजन गुरुवार को किया गया। जिसमें शिक्षकों की बायोमैट्रिक अटेंडेंस तथा उसकी वेतन से संबद्धता के लिए कुलाधिपति महोदया के पत्र पर गहन चर्चा की गई। सभा का मत था कि विश्वविद्यालय शिक्षकों एवं अन्य सरकारी कर्मियों के कार्य की प्रकृति में अंतर होता है। विवि ज्ञान के सृजन एवं वितरण के केंद्र हैं। विश्वविद्यालय शिक्षकों का कार्य शिक्षण के साथ-साथ शोध भी है। बायोमेट्रिक उपस्थिति का निर्णय मात्र शिक्षण कार्य को ध्यान में रख कर लिया गया है। जबकि शिक्षक शोध भी करता है जो समय सीमा से परे है।
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