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Sunday, May 22, 2022

सीबीएसई ने किया बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र पैटर्न में बदलाव

CBSE : बोर्ड परीक्षा में 30% वैकल्पिक सवाल घटाए गए, योग्यता आधारित सवालों की संख्या 10% बढ़ी


लखनऊ : केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने सत्र 2022-23 की बोर्ड परीक्षाओं का पैटर्न जारी कर दिया है। पैटर्न से साफ हो गया है कि बोर्ड परीक्षाओं में वही छात्र आगे रहेंगे जो रटने की बजाय समझकर पढ़ाई करेंगे। इस बार वैकल्पिक सवालों को 50प्रतिशत से घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। कुल 30 वैकल्पिक सवाल पैटर्न में कम किए गए हैं।


समझ को बताते हैं केस स्टडी पर सवाल: विशेषज्ञों की मानें तो बीते दो वर्षों में कोरोना की वजह से सीबीएसई के प्रश्न पत्र बोर्ड परीक्षा में काफी सरल रहे। अब हालात सामान्य होने पर बोर्ड ने एक बार फिर पुराने रुख पर लौटते हुए छात्रों के सामने केस स्टडी, क्षमता जांच आधारित प्रश्न को समाहित करने का फैसला लिया है। केस स्टडी पर आधारित सवाल छात्र की क्षमता का सही आकलन करेंगे। इसके लिए छात्रों को अच्छी तैयारी के साथ बोर्ड परीक्षा में जाना होगा।


वर्ष 2021-22 में बोर्ड की परीक्षाएं दो भागों टर्म एक और टर्म दो में बांट कर करायी गई। जिसे सत्र 2022-23 से खत्म कर दिया गया है। अब एक ही परीक्षा में छात्रों का मूल्यांकन किया जाना है। आगामी बोर्ड परीक्षाओं में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव भी दिखेगा। इसी के आधार पर तैयारी कराने के निर्देश दिए गए हैं।


नए प्रारूप के हिसाब से तैयारी: सीबीएसई  बोर्ड की ओर से सत्र 2021-22 की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र का प्रारूप आ गया है। सभी प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया गया है इसी प्रारूप के आधार पर छात्र-छात्राओं की तैयारी कराएं। ताकि समय से छात्र परीक्षा के लिए खुद को तैयार कर सकें। छात्रों की समझ को देखने के लिए केस स्टडी सवाल अहम भूमिका अदा करते हैं। क्योंकि केस स्टडी पर आधारित सवालों को रटने से हल नहीं किया जा सकता है।


योग्यता आधारित सवालों की संख्या 10 बढ़ी
सत्र 2022-23 में कक्षा नौ से 12 की परीक्षाओं में छात्रों का मूल्यांकन छात्र की समझ, योग्यता आधारित शिक्षा पर केन्द्रित होगा। नए सत्र की परीक्षाओं में योग्यता आधारित सवालों की संख्या दस फीसदी तक बढ़ाई जाएगी। बोर्ड ने इस सम्बंध में सभी प्रधानाचार्यों के लिए सर्कुलर जारी कर दिया है। 2021-22 की परीक्षाओं में 50 वैकल्पिक प्रश्न पूछे गए थे। जिन्हें घटाकर आगामी परीक्षाओं में 20 कर दिया गया है। कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं के साथ कक्षा नौ और 11 की वार्षिक परीक्षाएं भी इसी प्रारूप पर होंगी। आन्तरिक मूल्यांकन में बदलाव नहीं किया गया।

योग्यता आधारित प्रश्न
50%

लघु-दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
30%

वैकल्पिक प्रश्न
20%


सीबीएसई ने किया बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र पैटर्न में बदलाव


अब शैक्षणिक सत्र के अंत में एक बार वार्षिक परीक्षा लेगा बोर्ड
नौवीं और 11वीं में भी इसी बदले हुए पैटर्न पर ली जाएगी परीक्षा


नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्रों के पैटर्न में बदलाव किया है। नई शिक्षा नीति के तहत किए गए ये बदलाव मौजूदा सत्र से ही लागू होंगे। इसके तहत एक प्रश्नपत्र तीन घंटे का होगा। सीबीएसई पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि इसी सत्र (2022-23) से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं कोरोना पूर्व के वर्षो की भांति एक ही टर्म में सत्र के अंत में वार्षिक परीक्षा के रूप में आयोजित की जाएंगी।


सीबीएसई के निदेशक (अकादमिक) द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार, इस वर्ष से 10वीं की सालाना बोर्ड परीक्षा में लगभग 40 प्रतिशत प्रश्न समझ आधारित होंगे। ये बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे, जिनमें केस स्टडी आधारित व पैराग्राफ पर आधारित प्रश्न प्रश्न होंगे। 20 प्रतिशत प्रश्न वस्तुनिष्ठ होंगे और बाकी के 40 प्रतिशत प्रश्न लघु उत्तरीय व दीर्घ उत्तरीय होंगे।


 12वीं की परीक्षा में 30 प्रतिशत प्रश्न समझ आधारित बहुविकल्पीय होंगे, जिनमें केस स्टडी व पैराग्राफ आधारित प्रश्न होंगे। 20 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे, जबकि शेष 50 प्रतिशत प्रश्न लघु और दीर्घ उत्तरीय पूछे जाएंगे। सीबीएसई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बोर्ड ने पहले की तरह वार्षिक परीक्षाओं का निर्णय सभी हितधारकों की प्रतिक्रिया लेने के बाद लिया है। ये परीक्षाएं तीन घंटे की होंगी।


सीबीएसई ने कोरोना महामारी के कारण सत्र 2021-22 में 10वीं और 12वीं की परीक्षा दो टर्म में लेने का निर्णय किया था, लेकिन मौजूदा स्थितियों को देखते हुए बोर्ड ने पहले की तरह शैक्षणिक सत्र से अंत में एक वार्षिक परीक्षा लेने का निर्णय किया है।
संयम भारद्वाज, परीक्षा नियंत्रक, सीबीएसई



पाठ्यक्रम में बदलाव : CBSE बोर्ड 10वीं व 12वीं में 20 फीसदी होंगे वस्तुनिष्ठ प्रश्न



सीबीएसई के 10वीं बोर्ड में 40 फीसदी क्षमता (कंपीटेंसी) आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। वहीं 12वीं में क्षमता आधारित प्रश्नों की संख्या 30 फीसदी रहेगी। अभी तक दसवीं और 12वीं में 10 फीसदी ही क्षमता आधारित प्रश्न रहते थे। इस बार से बोर्ड ने क्षमता आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ा दी है। बोर्ड ने 2022-23 सत्र का मूल्यांकन पैटर्न जारी कर दिया है। दसवीं और 12वीं में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या 20 फीसदी रहेगी।



बोर्ड की मानें तो क्षमता आधारित प्रश्नों की संख्या इस बार बढ़ाई गयी है। पहले दसवीं और 12वीं बोर्ड में 10 फीसदी प्रश्न क्षमता आधारित होते थे, लेकिन अब इसकी संख्या बढ़ा दी गयी है। अभी तक क्षमता आधारित प्रश्न केवल दीर्घ उत्तरीय ही पूछे जाते थे। अब मल्टीपल च्वाइस, केस स्टडी, लघु उत्तरीय प्रश्न में भी क्षमता आधारित प्रश्न को शामिल किया गया है।


ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण के कारण दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा दो पार्ट में टर्म-1 और टर्म-2 ली गयी लेकिन 2023 में फिर एक ही बोर्ड की परीक्षा होगी। इसके लिए बोर्ड ने नौंवी-दसवीं और 11वीं-12वीं का प्रश्न पत्र पैटर्न जारी किया है।



मल्टीपल च्वाइस वाले भी होंगे प्रश्न : बोर्ड द्वारा मल्टीपल च्वाइस वाले प्रश्न को रखा गया है। टर्म-1 परीक्षा में मल्टीपल च्वाइस के प्रश्न पूछे गये थे, जो विषयवार सिलेबस का 50 फीसदी था। अब 20 फीसदी वस्तुनिष्ठ प्रश्न में ही मल्टीपल च्वाइस के रहेंगे।


नौवीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षा इसी पैटर्न पर : बोर्ड ने स्कूलों को नौवीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षा भी इसी पैटर्न पर लेने का निर्देश दिया है। इससे छात्र अपना आकलन कर पायेंगे। बोर्ड द्वारा आंतरिक मूल्यांकन में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। आंतरिक मूल्यांकन पहले जैसे ही 20 फीसदी रखा गया है।


किताबी दुनिया से अलग सोचें बच्चे : किताबी दुनिया से बच्चे अलग सोचें, इसके लिए क्षमता आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ाई गयी है।


इसके तहत वास्तविक जीवन से जुड़े प्रश्न बोर्ड परीक्षा में पूछे जाएंगे। इससे छात्रों को वास्तविक जीवन और दिनचर्या की जानकारी होगी। बता दें कि अभी तक किताबी दुनिया से जुड़े प्रश्न ही परीक्षा के दौरान छात्रों से पूछे जाते थे। इसे देखते हुए लंबे विचार के बाद सीबीएसई बोर्ड ने प्रश्न पत्र के पैटर्न में यह बदलाव लाने का निर्णय लिया है। 

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