NTSE : मेधावियों को छह महीने से छात्रवृत्ति परीक्षा का इंतजार
प्रयागराज : हजारों मेधावियों को छह महीने से राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (एनटीएसई) का इंतजार है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की ओर से हर साल देशभर से दो हजार मेधावियों को छात्रवृत्ति के लिए चुना जाता है। मेधावियों का चयन दो स्तर की परीक्षा के आधार पर किया जाता है।
मनोविज्ञानशाला के संयोजन में राज्य स्तरीय परीक्षा नवंबर के प्रथम रविवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय कराता है। दूसरे चरण की परीक्षा एनसीईआरटी की ओर से मई के दूसरे रविवार को होती है। लेकिन 2021 की फाइल शिक्षा मंत्रालय में फंसने से अब तक परीक्षा नहीं हो सकी है।
उत्तर प्रदेश के लिए नोडल एजेंसी मनोविज्ञानशाला को भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। इस परीक्षा में किसी भी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल में 10वीं में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं आवेदन कर सकते हैं।
यूपी का सर्वाधिक कोटा
एनटीएसई के प्रथम चरण की परीक्षा में सफल छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलता है। दूसरे चरण के लिए प्रत्येक राज्य का कोटा तय है। इसमें सर्वाधिक कोटा यूपी का है। यूपी से 1408 मेधावी दूसरे चरण की परीक्षा देते हैं। महाराष्ट्र 774, बिहार 691, पश्चिम बंगाल 569 और मध्य प्रदेश के 530 मेधावी दूसरे चरण में जाते हैं।
11वीं से पीएचडी तक मिलता है वजीफा
सफल मेधावियों को कक्षा 11 व 12 में 1250 रुपये प्रतिमाह, स्नातक व परास्नातक में दो हजार रुपये प्रतिमाह और शोध के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानक के अनुरूप छात्रवृत्ति दी जाती है। 2020 में आयोजित पहले चरण की परीक्षा में लगभग 35 हजार और 2019 में तकरीबन 19 हजार छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे।
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