Quality of School Education: स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता परखने के लिए इसी साल से छिड़ेगी मुहिम, NCERT शिक्षा मंत्रालय को सौंपेगा रिपोर्ट
शिक्षा की गुणवत्ता परखने को इसी साल से मुहिम, स्कूलों के साथ छात्रों का रिपोर्ट कार्ड तैयार
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता (quality of school education) को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। अब शैक्षणिक बदलावों की सालाना परख होगी। इस पूरी व्यवस्था को राष्ट्रीय स्तर पर गठित एक स्वतंत्र इकाई देखेगी।
नई दिल्ली : स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की कोशिशों के बीच उसमें आने वाले बदलावों की अब सालाना परख भी होगी। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र इकाई गठित होगी, जो इस पूरी व्यवस्था को देखेगी। फिलहाल इस प्रस्तावित एजेंसी को 'परख' नाम दिया गया है। वहीं इस पूरी मुहिम को इसी साल से शुरू करने की तैयारी भी है। इसमें स्कूलों के साथ छात्रों का रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा।
एनसीईआरटी को सौंपी जिम्मेदारी
इसके आधार पर ही उन्हें जरूरी सुविधाएं और मदद मुहैया कराई जाएगी। शिक्षा मंत्रालय ने फिलहाल इसके लिए रोडमैप तैयार करने का जिम्मा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को सौंपा गया है। जो जल्द ही इस रिपोर्ट को शिक्षा मंत्रालय को सौंपेगी।
जिम्मा एनसीईआरटी के पास
वैसे अभी भी स्कूली शिक्षा को गुणवत्ता को परखने का जिम्मा एनसीईआरटी के पास ही है। जो फिलहाल नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) के जरिए इसे जांचने का काम करती है। इस बीच एनएएस- 2021 के सर्वेक्षण की रिपोर्ट जल्द ही जारी होने के संकेत दिए गए है। सूत्रों की मानें तो स्कूलों की गुणवत्ता को परखने के लिए एनएएस-2021 के सर्वेक्षण की रिपोर्ट ही आधार बनेगी।
बदलावों को परखा जाएगा
इसके आधार पर बदलावों को परखा जाएगा। मंत्रालय की प्रस्तावित योजना के मुताबिक परख देश भर के सभी सरकारी और निजी स्कूलों की गुणवत्ता को जांचने का काम करेगी। यह एक स्वतंत्र एजेंसी रहेगी। इसके साथ ही इसमें ऐसे प्रोफेशनल्स को शामिल किया जाएगा, जिनकी इस तरह के आकलन में विशेषज्ञता है। यह पूरा आकलन आनलाइन होगा।
प्रत्येक छात्र की संपूर्ण प्रगति भी सामने आएगी
इसके जरिए जहां स्कूलों की गुणवत्ता का पता चलेगा, वहीं प्रत्येक छात्र की संपूर्ण प्रगति भी सामने आएगी। गौरतलब है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को जांचने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर इस पहल के साथ राज्यों से भी अपने स्तर पर गुणवत्ता को आंकने की व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया है।
इनोवेशन पर भी होगा फोकस
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को परखने में अब इनोवेशन पर भी फोकस होगा। जिसमें प्रत्येक स्कूलों में इस दिशा में उठाए गए कदमों और ऐसी प्रतिभाओं को पहचाना जाएगा। साथ ही स्कूलों की रुचि को पहचान करके उन्हें आगे बढ़ने में मदद दी जाएगी। वैसे भी स्कूली छात्रों को इनोवेशन से जोड़ने के लिए मौजूदा समय में स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब (Atal Tinkering Labs, ATL) स्थापित किए जा रहे है। जहां बच्चे अपनी इनोवेशन से जुड़ी प्रतिभा को निखार सकते है।
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