पॉलीटेक्निक के शिक्षकों का वेतन 80 फीसदी तक बढ़ेगा, उच्च वेतनमान का रास्ता साफ, शासन ने कहा- कैबिनेट के अनुमोदन के बाद वित्त विभाग की सहमति जरूरी नहीं
2000 से अधिक शिक्षक और शैक्षणिक स्टाफ को फायदा
लखनऊ : पॉलीटेक्निक संस्थानों के शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक स्टाफ को उच्च वेतनमान देने का रास्ता साफ हो गया है। शासन ने स्पष्ट किया है कि एआईसीटीई विनियम 2019 के तहत संस्तुत वेतनमान को कैबिनेट का अनुमोदन मिल चुका है। इसलिए वित्त विभाग की सहमति लिए जाने का कोई औचित्य नहीं है। इससे प्रधानाचार्यों व शिक्षकों के वेतन में करीब 80 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी।
दरअसल, कुछ समय पहले कोषागार निदेशक ने सभी कोषाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा था कि सुनिश्चित कर लें कि संशोधित उच्चीकृत वेतनमान और एरियर के भुगतान के लिए वित्त विभाग से औपचारिक मंजूरी ले ली गई हो। वहीं, प्राविधिक शिक्षा निदेशक का कहना था कि इस पत्र से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। कोषागार निदेशालय इसका निराकरण कराते हुए वेतन आहरण सुनिश्चित कराएं।
यह प्रकरण शासन में पहुंचा तो विशेष सचिव प्राविधिक शिक्षा ने शासनादेश जारी कर कहा कि पूर्व में जारी आदेश अनुभाग की पत्रावली पर वित्त विभाग का परामर्श और सहमति लेकर ही जारी किए गए हैं।
निदेशक से ज्यादा हो जाएगा प्रधानाचार्यों का वेतनमान
संशोधित वेतनमान दिए जाने पर पॉलीटेक्निक संस्थानों के प्रधानाचार्यों का वेतन उनसे उच्च पद पर तैनात प्राविधिक शिक्षा निदेशक और अपर निदेशक से ज्यादा हो जाएगा। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के विनियम-2019 के तहत प्रधानाचार्यों को 10 हजार ग्रेड-पे के आधार पर वेतन दिया जाना निर्धारित है। जबकि संयुक्त निदेशक का ग्रेड-पे 7600, अपर निदेशक का 8700 और निदेशक का ग्रेड-पे 8900 रुपये है।
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