शिक्षामित्रों-अनुदेशकों को बताया शिक्षक, डीएलएड व बीटीसी बेरोजगारों में आक्रोश
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के जवाब से नई शिक्षक भर्ती आंदोलन को झटका लगा है। विधानसभा में डॉ. मुकेश वर्मा के सवाल पर संदीप सिंह ने जो जवाब दिया है उसमें परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 3,32,734 नियमित शिक्षकों के साथ 1,47,766 शिक्षामित्रों को भी शिक्षक माना है। इसी प्रकार उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 1,20,860 नियमित शिक्षकों के साथ 27,555 अंशकालिक अनुदेशकों को भी शिक्षक माना है।
नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के अनुसार शिक्षक-छात्र अनुपात पूरा होने के कारण नई भर्ती की उम्मीद भी कम दिखाई पड़ रही है। शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को शामिल करने के कारण भर्ती की उम्मीद धूमिल होने से डीएलएड व बीटीसी बेरोजगारों में आक्रोश है। डीएलएड प्रशिक्षित पंकज मिश्र का कहना है कि जब शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट से रद्द हो चुका है तो उन्हें शिक्षक-छात्र अनुपात की गणना में शामिल करना अनुचित है। योगी सरकार ने ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर स्वीकार किया है कि अभी 51112 पद रिक्त हैं।
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