निजी स्कूल भी मनमाने तरीके से नौकरी से नहीं हटा सकते
■ स्कूल न्यायाधिकरण ने स्कूल का फैसला पलटा
■ कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के सभी लाभ देने के निर्देश
नई दिल्ली। दिल्ली स्कूल न्यायाधिकरण (डीएसटी) ने एक अहम फैसले में कहा कि मेडिकल बोर्ड द्वारा चिकित्सीय जांच किए बिना निजी स्कूल किसी शिक्षक या कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाल सकते। न्यायाधिकरण ने इसके साथ ही एक स्कूल द्वारा बिना जांच के कर्मचारी को अनफिट बताकर नौकरी से निकालने का फैसला रद्द कर दिया।
न्यायाधिकरण के अध्यक्ष दिलबाग सिंह ने सिद्धार्थ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल प्रबंधन की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कर्मचारी रतन लाल ने खुद काम करने में असमर्थता जताई थी। न्यायाधिकरण ने कहा, रतन सेवानिवृति की उम्र पूरी कर चुके हैं, ऐसे में सेवानिवृति के दिन तक उनकी नौकरी मानी जाए। उन्हें वेतन भत्ता समेत सेवानिवृत्ति के सभी लाभ दें।
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