निजी स्कूलों में पढ़ेंगे 1.23 लाख गरीब छात्र-छात्राएं, निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों का हुआ आवंटन
लखनऊ : सूबे के 34,483 निजी स्कूलों में गरीब व सामाजिक रूप से वंचित वर्गों के बच्चों को प्रवेश दिलाने का रिकार्ड बनने जा रहा है। निश्शुल्क एवं बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत अब तक एक लाख 23 हजार 195 छात्र - छात्राओं को स्कूलों का आवंटन किया गया है। आवेदकों को आवंटित स्कूल की सूचना एसएमएस से दी जा रही है, अभिभावकों को तय स्कूलों में बच्चों को प्रवेश दिलाना होगा।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बुधवार को तीसरी लाटरी जारी की। इसके लिए दो मई से 10 जून तक आनलाइन आवेदन लिए गए थे। 36, 232 आवेदनों में 26,915 सही पाए गए और उनका स्कूल आवंटन जिलावार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले चरण के लिए दो से 25 मार्च तक और दूसरे चरण के लिए दो से 23 अप्रैल तक आवेदन लिए गए थे। दोनों चरणों में एक लाख तीन हजार 486 बच्चों को स्कूल आवंटित किए गए। उनकी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है।
ऐसे में तीनों चरणों में एक लाख 23 हजार 195 छात्र-छात्राओं को स्कूलों का आवंटन हुआ है। जल्द ही सभी को आवंटित विद्यालयों में प्रवेश मिलेगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने कहा है कि निजी विद्यालय अधिक से अधिक बच्चों को लाभ दिलाने में सहयोग करें।
इस तरह मिलता लाभ
सरकार मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में कक्षा एक व अन्य प्राथमिक कक्षाओं में 25 प्रतिशत तक की सीमा में गरीब बच्चों को आवेदन लेकर प्रवेश करा रही है। प्रदेश में चार लाख सात हजार 978 कुल सीटें हैं। योजना के तहत आवंटित स्कूल को प्रति छात्र 450 रुपये फीस की प्रतिपूर्ति करती है। बच्चों को यूनीफार्म व किताबें लेने के लिए पांच हजार रुपये अभिभावक के खाते में भेजे जाते हैं। चयनित छात्रों के एडमिशन में आनाकानी करने पर निजी स्कूलों पर कार्यवाही भी की जाती है।
RTE : प्रवेश कराने में लखनऊ यूपी में अव्वल होने के बावजूद भी चयन और प्रवेश की संख्या में पचास फीसदी का अंतर
लखनऊ : निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 के तहत बच्चों का चयन और प्रवेश कराने के मामले में पूरे प्रदेश में लखनऊ पहले नम्बर पर है। पहले नम्बर पर रहने के बावजूद भी चयन और प्रवेश की संख्या में पचास फीसदी का अंतर है।
लखनऊ में 16496 बच्चों का चयन निजी स्कूल में आरटीई के तहत कराने के लिए किया गया है लेकिन विभाग अभी तक सिर्फ 7538 बच्चों को ही प्रवेश दिला सका है। हालांकि अन्य जिलों से लखनऊ की स्थिति काफी बेहतर है।
इसीलिए लखनऊ प्रवेश कराने के मामले में आगरा, वाराणसी, गाजियाबाद जैसे जिलों से काफी आगे हैं। आरटीई में प्रवेश कराने के मामले में आगरा 5185 बच्चों के प्रवेश कराकर दूसरे स्थान पर है। वाराणसी में 4908 बच्चों का प्रवेश कराया है। वाराणसी तीसरे स्थान पर है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने कहा कि सत्र 2022-23 में चयनित सभी बच्चों का प्रवेश कराया जाएगा। तीसरी सूची के चयनित 1414 बच्चों की सूची जिलाधिकारी को अनुमोदन के लिए भेजी जा रही है। इसके बाद विद्यालयों को सूची विद्यालयों को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बार पूरा प्रयास किया जाएगा कि सभी चयनित बच्चों को दाखिला मिले।
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