UG व PG छात्राओं को इसी सत्र से मिलेगा मातृत्व अवकाश
यूजीसी के पत्र पर राज्य विवि ने लिया निर्णय
प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जु भैया विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों में अभी तक मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) केवल शिक्षिकाओं को ही मिलती थी। अब स्नातक (यूजी) और परास्नातक (पीजी) की छात्राओं को भी यह अवकाश मिल सकेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसके लिए विश्वविद्यालय को पत्र लिखा है। यह सुविधा इसी सत्र से दी जाएगी।
अभी तक पीएचडी और एमफिल जैसे कोर्स में छात्राओं को मातृत्व अवकाश दिया जाता था। नई गाइड लाइन के अनुसार अगर यूजी और पीजी में कोई शादीशुदा छात्रा गर्भवती है तो उसे भी पीएचडी और एमफिल की तरह मैटरनिटी लीव या चाइल्ड केयर लीव दी जा सकती है। ऐसी स्थिति में 240 दिन की छुट्टी मिल सकेगी।
मातृत्व अवकाश में छात्राओं को हाजिरी, परीक्षा सहित सभी शैक्षणिक कार्यों से छूट रहेगी। राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में यूजी और पीजी में शादी के बाद कई महिलाएं अपनी पढ़ाई पूरी करती हैं। पढ़ाई और परीक्षा के दौरान मातृत्व अवकाश और चाइल्ड केयर लीव की सुविधा नहीं मिलती थी। इसकी वजह से उनके सामने पढ़ाई बीच में छोड़ने की मजबूरी रहती थी। विश्वविद्यालय के नए दिशा-निर्देश से वे मातृत्व अवकाश के साथ अपनी पढ़ाई भी पूरी कर सकेंगी।
स्नातक और परास्नातक में शादीशुदा छात्राएं भी अध्ययन करती हैं। कॉलेजों में ग्रामीण क्षेत्र से अधिक छात्राएं होती हैं। इनके सामने शादी के बाद पढ़ाई पूरी करने की चुनौती रहती है। विश्वविद्यालय के नए दिशा-निर्देश से वे मातृत्व अवकाश के साथ अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगी।
-दीप्ति मिश्रा, उपकुलसचिव, राज्य विवि
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