मदरसों में पढ़ा रहे दंपती को एक ही जिले में मिल सकेगी तैनाती, मदरसा विनियमावली 2016 में संशोधन की हो रही तैयारी
बोर्ड में अपील कर सकेंगे उत्पीड़न के शिकार मदरसा शिक्षक
लखनऊ : मदरसों में पढ़ा रहे पति पत्नी को अब एक जिले में तैनाती मिल सकेगी। यहीं नहीं मदरसा सेवा विनियमावली 2016 की खामियों की आड़ लेकर मदरसा प्रबंधन अब शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही में मनमानी नहीं कर सकेंगे। मदरसा शिक्षा परिषद इस विनियमावली के संशोधन की तैयारी कर रहा है। इसमें मदरसा शिक्षकों के स्थानांतरण की व्यवस्था के साथ ही शिक्षकों के उत्पीड़न के खिलाफ परिषद में अपील की व्यवस्था की जाएगी।
प्रदेश में परिषद से करीब 16,460 मदरसे हैं। इनमें सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त 558 मदरसे भी शामिल हैं। अनुदानित मदरसे में कम से कम 15 शिक्षक तैनात हैं।
कुछ पुराने मदरसों में शिक्षकों की संख्या 40 से अधिक है। इस तरह अनुदानित मदरसों में शिक्षकों की संख्या नौ हजार से अधिक है। इन मदरसों के लिए बनी सेवा विनियमावली 2016 ही शिक्षकों के उत्पीड़न का कारण बन गई है। इसमें दंड के खिलाफ अपील की व्यवस्था न होने से प्रबंध समिति मनमाने ढंग से शिक्षकों का निलंबन, निष्कासन, वेतन वृद्धि रोककर और अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए बाध्य कर शोषण कर रहे हैं। यही नहीं इस विनियमावली में रजिस्ट्रार की शक्तियों और अधिकारों का जिक्र नहीं होने से उत्पीड़न के शिकार शिक्षकों को रजिस्ट्रार के स्तर पर भी राहत नहीं मिल पा रही है।
शिक्षकों के उत्पीड़न पर लगेगा विराम
बीते दिनों शासन ने सेवा विनियमावली 2016 में उल्लिखित प्रशासन योजना संबंधी प्रावधानों को कड़ाई से लागू कराने के लिए आदेश था। इसमें कहा गया था कि जब तक इस विनियमावली में संशोधन नहीं हो जाता है, तब तक मदरसे की वैध प्रबंध समिति को मदरसे की सेवा व प्रशासन योजना को मदरसा बोर्ड से अनुमोदित कराना होगा। मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह ने बताया कि फिलहाल उक्त शासनादेश को कड़ाई से लागू करने का निर्णय लिया गया है। इससे प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं शिक्षणेतर कर्मचारियों के खिलाफ मनमाने ढंग से अनुशासनिक, निलंबन व दंड आदि की कार्यवाही पर रोक लग सकेगी।
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