प्रदेश के 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का मामला, अफसरों की जिद में फंसी शिक्षकों की नियुक्ति
प्रयागराज : अफसरों की जिद में प्रदेश के 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति फंस गई है। संगत-असंगत विषय को आधार बनाते हुए बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने 14 जुलाई 2020 को सैकड़ों संविदा शिक्षकों को बाहर करने का आदेश जारी किया था।
अफसरों का तर्क था कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में एक विषय की एक से अधिक शिक्षिकाएं होने के साथ ही जो विषय नहीं है उस पद पर शिक्षक नियुक्त कर लिए गए थे। इसके अलावा मुख्य विषयों जैसे गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भाषा (अंग्रेजी) आदि में अंशकालिक शिक्षक और पार्ट टाइम विषयों के लिए पूर्णकालिक शिक्षक नियुक्त हैं।
इस आदेश के खिलाफ प्रभावित शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं कर दी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 21 दिसंबर 2021 को 14 जुलाई 2020 के आदेश को निरस्त कर दिया था। इसके खिलाफ अफसरों ने स्पेशल अपील की जो 18 अप्रैल को खारिज हो गई। इसके बावजूद अब तक न तो संगत-असंगत विषय का मामला सुलझा और न ही प्रयागराज समेत अन्य जिलों में रिक्त पदों को भरने की कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
जिले में 56 शिक्षिकाओं की नियुक्ति नहीं हो पा रही
कस्तूरबा विद्यालयों में भर्ती को लेकर कानूनी लड़ाई के कारण अकेले प्रयागराज में 56 शिक्षिकाओं की नियुक्ति नहीं हो सकी है। जिले में संचालित 20 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में 36 पूर्णकालिक शिक्षिका और 20 अंशकालिक शिक्षकों/शिक्षिकाओं की भर्ती के लिए पिछले साल 15 जुलाई तक ऑफलाइन आवेदन मांगे गए थे। इसके अलावा लेखाकार के दो, मुख्य रसोइयां के दो, सहायक रसोइयां के छह और चौकीदार के दो पदों का चयन होना था लेकिन आवेदकों को अब तक नियुक्ति का इंतजार है।
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