तैनाती के लिए भटक रहे डिग्री कॉलेज के प्राचार्य, एक पद के लिए दोबारा आवेदन पर खींचतान
प्रयागराज : असिस्टेंट प्रोफेसर के 917 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन के साथ खींचतान शुरू हो गई है। अभ्यर्थियों का एक धड़ा इस पक्ष में है कि पूर्व में इस पद के लिए चयनित अभ्यर्थी आवेदन न करें। उनके आने से फ्रेश अभ्यर्थियों के चयन की गुंजाइश कम हो जाती है। दरअसल घर से दूर कॉलेज आवंटित होने पर कुछ अभ्यर्थी दोबारा भर्ती में भी आवेदन कर देते हैं ताकि अधिक मेरिट होने पर घर के पास आ सकें। इसके लिए तबादले की जटिल प्रक्रिया होना भी है।
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से अशासकीय सहायता प्राप्त महा विद्यालयों में प्राचार्य पद पर चयनित कुछ अभ्यर्थी तैनाती के लिए भटक रहे हैं। आयोग ने पिछले साल चयन प्रक्रिया पूरी की थी। शाहजहांपुर में स्वामी सुखदेवानंद पीजी कॉलेज के लिए चयनित राकेश कुमार ने कार्यभार ग्रहण करने के लिए महीनों चक्कर काटा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
स्वामी चिन्मयानंद के इस कॉलेज में ज्वाइनिंग नहीं मिलने पर राकेश कुमार आजाद ने अब उच्च शिक्षा निदेशालय में आवेदन देकर दूसरा कॉलेज आवंटित करने का अनुरोध किया है। इसी प्रकार एसएन सेन कॉलेज कानपुर के लिए चयनित डॉ. सुमन को भी कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जा रहा। डीएवी ट्रेनिंग कॉलेज कानपुर में भी ऐसी समस्या है। उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसर प्रबंधकों के खिलाफ शासन को पत्र लिखने जा रहे हैं।
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में ईडब्ल्यूएस से चयनितों पर संदेह: प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 50 के तहत आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) कोटे के तहत चयनित अभ्यर्थियों पर कुछ अचयनित संदेह जता रहे हैं। अचयनित अभ्यर्थियों का दावा है कि उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग ने सालाना आठ लाख से अधिक पारिवारिक आयसीमा वाले अभ्यर्थियों का भी चयन कर लिया है। कुछ अभ्यर्थियों ने गलत तरीके से ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र लगाकर फायदा उठाया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
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