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Wednesday, July 6, 2022

यूपी में निपुण भारत के तहत तीन स्तरीय टास्क फोर्स करेगी बच्चों की पढ़ाई की निगरानी, गठित की गई टीमें।

यूपी में निपुण भारत के तहत तीन स्तरीय टास्क फोर्स करेगी बच्चों की पढ़ाई की निगरानी, गठित की गई टीमें।



लखनऊ : योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार प्रदेश में बेस‍िक शिक्षा व्‍यवस्‍था में सुधार लाने के ल‍िए प्रयासरत है। वहीं बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 60 लाख छात्र-छात्राओं की निगरानी तीन स्तरीय टास्क फोर्स करेगी। निपुण भारत योजना के तहत कक्षा एक से तीन तक के बच्चों की भाषा व गणित विषय की नींव मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं।


राज्य स्तर पर मुख्य सचिव, जिलों में जिलाधिकारी व ब्लाकों में खंड शिक्षा अधिकारियों की अध्यक्षता में टीमें गठित की गई हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2026-27 तक प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की साक्षरता व संख्या ज्ञान कराने के लिए राष्ट्रीय मूलभूत साक्षरता व संख्या ज्ञान मिशन यानी निपुण भारत शुरू किया है। इस संबंध में 23 दिसंबर 2021 व बीते 27 जून को शासनादेश जारी किया है।






मिशन के तहत प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कक्षा एक से तीन तक में 60 लाख छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं, इन्हें मार्च 2026 तक कक्षा के अनुसार योग्य बनाया जाना है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस योजना को पूरी करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि कक्षा तीन तक बच्चे पढ़ने के लिए सीखता है और कक्षा तीन के बाद सीखने के लिए पढ़ता है।


ऐसे में यह अहम पड़ाव है इसमें बच्चा पढ़ सकता है और लिख सकता है व बुनियादी गणित की दक्षता हासिल कर सकता है। इसीलिए विभाग बच्चों को निपुण बनाने पर जोर दे रहा है और तीन माह का जिलावार लक्ष्य तय किया गया है। एकेडमिक रिसोर्स पर्सन यानी एआरपी के माध्यम से हर माह एक लाख विद्यालयों में शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।


ये की गईं तैयारियां

-शिक्षा विभाग के अधिकारी व शिक्षक अभिभावकों व समुदायों में प्रचार-प्रसार करेंगे।

-पोस्टर, वार्तालाप, गणित किट, कार्य पुस्तिका के माध्यम से कक्षा कक्ष में लागू किया जाएगा।

-विद्यार्थियों को घर पर सीखने के लिए दीक्षा पोर्टल पर 6500 से अधिक शैक्षणिक वीडियो अपलोड।

-प्रोफेशनल डेवलपमेंट के तहत साढ़े चार लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित कराया जा रहा है।

-एनसीईआरटी के माध्यम से हर स्कूल में करीब 500 से अधिक उच्च गुणवत्ता की किताबें उपलब्ध।

-प्रदेश के हर विद्यालय में 22 सप्ताह की विशेष शिक्षण योजना भी लागू की जा रही है।

-बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ाने के साथ ही थर्ड पार्टी मूल्यांकन होगा।

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