DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Thursday, July 7, 2022

परीक्षा प्रबंधन में गड़बड़ी पर जा सकती है मान्यता, उच्च शिक्षण संस्थानों पर शिक्षा से जुड़ी संसदीय समिति की सिफारिश

परीक्षा प्रबंधन में गड़बड़ी पर जा सकती है मान्यता, उच्च शिक्षण संस्थानों पर शिक्षा से जुड़ी संसदीय समिति की सिफारिश

नई दिल्ली : उच्च शिक्षण संस्थानों के परीक्षा प्रबंधन में गड़बड़ी होने पर उनकी मान्यता को खतरा हो सकता है। परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने, नकल और कई संस्थानों में छात्र-परीक्षक गठजोड़ जैसी घटनाओं पर अंकुश के लिए शिक्षा से जुड़ी संसदीय समिति ने सख्त सिफारिशें की हैं। समिति ने कहा है कि संस्थानों को मान्यता प्रदान करने में परीक्षा प्रबंधन भी मानक होना चाहिए।


गैरमान्यता प्राप्त संस्थानों की भरमार : संसदीय समिति ने कहा है कि बड़ी संख्या में गैरमान्यता प्राप्त संस्थान संचालित हो रहे हैं। इस समस्या को दुरुस्त करने और मानकों को ठीक किया जाना चाहिए। समिति की रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 50 हजार कॉलेजों में से महज नौ हजार ही मान्यता प्राप्त हैं। समिति ने कहा है कि जिन संस्थानों को मान्यता हासिल है, उनके मानकों की समीक्षा कर नए प्रावधान किए जाने चाहिए।

समिति ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक, गलत प्रश्नपत्र दिया जाना, परीक्षा में बैठने की व्यवस्था एवं परीक्षा केंद्र को लेकर गड़बड़ी, नकल, मूल्यांकन के लिए गलत परीक्षकों की नियुक्ति और छात्र-परीक्षक गठजोड़ के मामले अभी भी बड़े पैमाने पर सामने आते हैं।

सुचारु परीक्षा कराने वाले संस्थानों को प्रोत्साहन
समिति ने कहा कि नैक और एनबीए को ऐसे विश्वविद्यालयों व संस्थानों को अंक देना चाहिए, जो सुचारू रूप से परीक्षा आयोजित करते हैं। प्रश्नबैंक प्रणाली से निष्पक्ष एवं समय पर परीक्षाओं का संचालन करने वाले संस्थानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

राष्ट्रीय प्रत्यायन एवं मूल्यांकन एजेंसी बनाने का सुझाव
समिति ने उच्च शिक्षा की मूल्यांकन व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) को मिलाकर एक राष्ट्रीय प्रत्यायन एवं मूल्यांकन एजेंसी के गठन पर विचार करने को कहा है। यह इसलिए भी जरूरी है, ताकि एक-दूसरे के दायरे के उल्लंघन से बचा जा सके और मूल्यांकन की प्रक्रिया बाधित न हो।

सख्त मानक बनाने को कहा

समिति ने सिफारिश की है कि संस्थान के परीक्षा प्रबंधन की योग्यता को भी मान्यता प्रदान करने के पैरामीटर में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए। मान्यता की अवधि की समीक्षा इसलिए जरूरी है, ताकि संस्थान गुणवत्ता से समझौता न कर सकें।

समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक विधा में ही पढ़ाई करने वाले संस्थानों को वर्ष 2030 तक बहुविषयक विधा यानी मल्टी डिसिप्लिनरी बनाया जाएगा। इसका मकसद छात्रों को ज्यादा विकल्प उपलब्ध कराना है।

2030 तक संस्थानों को बहुविषयक बनाया जाएगा।

No comments:
Write comments