मदरसे अब सुनाएंगे अपने यहां के सफल छात्रों की गाथा
लखनऊ : सरकार से अनुदानित मदरसे अब अपने यहां के सफल छात्रों की गाथा सुनाएंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि मदरसों में पढ़ने वाले वर्तमान छात्र अपने पुराने सफल छात्रों से प्रेरणा ले सकें।
इसके साथ ही मदरसों के नोटिस बोर्ड अब हस्ती बन चुके वहां के सफल पुरा ( एलुमनाई) छात्रों की सूची भी लगाई जाएगी। उप्र मदरसा शिक्षा परिषद ने मऊ के मदरसा दारुल उलूम को माडल बनाने का निर्णय लिया है। यहां के कई छात्र आइएएस, आइपीएस, डाक्टर व शिक्षक बन चुके हैं। इस मदरसे ने अपने मुख्य गेट पर उर्दू व अंग्रेजी में अपने यहां के सफल पुरा छात्रों की सूची लगाई है । मदरसा बोर्ड ने प्रदेश के सभी 558 अनुदानित मदरसों से अपने यहां के सफल छात्र-छात्राओं के बारे में अपने वर्तमान छात्र - छात्राओं को बताने के निर्देश दिए हैं। इनमें ऐसे सफल छात्र-छात्राओं के नाम हों जो मदरसे से निकल कर आइएएस, पीसीएस, मेडिकल, न्याय, इंजीनियरिंग, शिक्षा आदि के क्षेत्र में कार्यरत हैं और अपने समाज व परिवार का नाम रोशन कर रहें हैं। प्रत्येक मदरसे को अपने यहां पुरा छात्रों की उपलब्धियां बोर्ड पर लगानी हैं। जन सामान्य में मदरसे की सकारात्मक भूमिका के प्रति विश्वास उत्पन्न हो सकेगा।
मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डा. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि मऊ का मदरसा दारुल उलूम ने अपने यहां के नोटिस बोर्ड पर 37 पूर्व छात्र छात्राओं की सूची लगाई है। इसमें आइएएस, आईपीएस, एमबीबीएस व एमडी डाक्टर, शिक्षक सहित विभिन्न पदों पर तैनात हैं। यहां पर उर्दू व अंग्रेजी में अलग-अलग बोर्ड लगे हैं। इस मदरसे को माडल बनाते हुए प्रदेश के सभी मदरसों में ऐसे ही बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
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