उच्च शिक्षा : पाठ्यक्रम-संस्थानों की अलग मान्यता पर चल रहा मंथन
नई दिल्ली : उच्च शिक्षा में पाठ्यक्रम और संस्थानों की अलग-अलग मान्यता देने की व्यवस्था खत्म करने के प्रस्ताव पर मंथन चल रहा है। साथ ही मान्यता के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता पद्धति बाइनरी सिस्टम यानी अलग-अलग ग्रेडिंग की बजाय केवल दो तरह की व्यवस्था (हां या न) लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह व्यवस्थाएं समयबद्ध तरीके से लागू करने का प्रयास है।
राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) को मिलाकर एक राष्ट्रीय प्रत्यायन एवं मूल्यांकन एजेंसी बनाने के प्रस्ताव पर अमल के बाद मान्यता से लेकर संस्थानों के मूल्यांकन तक की व्यवस्था में बड़े परिवर्तन होंगे। यह इसलिए भी जरूरी है, ताकि एक-दूसरे के दायरे के उल्लंघन से बचा जा सके व मूल्यांकन की प्रक्रिया बाधित न हो। उधर, राष्ट्रीय प्रत्यायन व मूल्यांकन परिषद अपनी वर्तमान मान्यता प्रणाली खत्म करने के लिए लगभग तैयार है, जिसके तहत वह एक कॉलेज या विश्वविद्यालय को समग्र रूप से एक अंक और संबंधित ग्रेड देता है।
कई प्रस्तावों पर मशक्कत
एक अधिकारी ने कहा, सम्मिलित प्रयास किए जा रहे हैं कि भारत की मान्यता प्रणाली अब प्रवेश चाहने वाले छात्रों को एक सामान्य कॉलेज या विश्वविद्यालय के बारे में पूरी सही जानकारी उपलब्ध करा सके और जटिलताएं कम हों। यह भी प्रावधान होगा कि किसी विशेष परिसर में एक विशिष्ट विभाग या पाठ्यक्रम कितना अच्छा है। संस्थान मान्यता प्राप्त है या नहीं, की व्यवस्था के साथ कोर्स या विभाग से जुड़ी मान्यताओं को वैकल्पिक बनाने सहित कई प्रस्ताव पर मशक्कत चल रही है।
●पंकज कुमार पाण्डेय
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