'शिक्षकों की कैशलेस इलाज की सुविधा छलावा' - शिक्षक संगठनों ने स्वास्थ्य बीमा योजना पर उठाए सवाल, राज्यकर्मियों की तरह सुविधा देने की मांग
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के लिए शुरू की जा रही कैशलेस इलाज की बीमा योजना से शिक्षक संगठन खुश नहीं हैं। शिक्षक संगठनों ने इसे छलावा बताया है।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक बेसिक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि योजना में शिक्षकों से ही प्रीमियम लेने की व्यवस्था है। प्रीमियम राशि बाजार में उपलब्ध अन्य हेल्थ इंश्योरेंस प्लान से महंगी है। उन्होंने कहा कि सरकार कैशलेस इलाज की सुविधा देने के नाम पर शिक्षकों के साथ छल कर रही है।
संगठन की कार्यकारी अध्यक्ष शालिनी मिश्र और कोषाध्यक्ष दिलीप चौहान ने योजना पर पुनर्विचार की मांग करते हुए राज्य कर्मचारियों की भांति सुविधा देने की मांग की। उधर, उप्र दूरस्थ प बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने भी बीमा योजना में सुधार की मांग की।
उन्होंने शिक्षकों के तबादले व समायोजन की नीति पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि तबादला व समायोजन में एक वर्ष की परिवीक्षा अवधि पूरी करने वाले उन शिक्षकों को भी शामिल करना चाहिए जिनके माता-पिता, पत्नी या बच्चे गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।
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