यूपी बोर्ड : अब यूपी बोर्ड के सरकारी स्कूलों में भी कम्प्यूटर पढ़ सकेंगे छात्र
अब प्रदेश के सभी सरकारी इंटर कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी कम्प्यूटर विषय ले सकेंगे। अभी तक यूपी बोर्ड के सरकारी इंटर कॉलेजों में कम्प्यूटर विज्ञान विषय के शिक्षक नहीं थे लेकिन इस शैक्षिक सत्र में केन्द्र सरकार ने राज्य को 890 शिक्षक रखने की अनुमति दी है। वहीं 468 स्कूलों में कम्प्यूटर लैब की स्थापना भी होगी।
समग्र शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार ने राजकीय इंटर कॉलजों में कम्प्यूटर विषय चलाने के लिए शिक्षक रखने की मंजूरी दी है। 890 शिक्षक संविदा के आधार पर 11वीं व इंटरमीडिएट कक्षाओं के लिए रखे जाएंगे। नए विषय जोड़ने पर तीन लाख रुपये प्रति स्कूल खर्च किया जाएगा। शिक्षकों के मानदेय के मद में 26 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। वहीं 468 स्कूलों में कम्प्यूटर लैब भी स्थापित की जाएंगी। इस मद में 88.46 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। 422 इंटर कॉलेजों में पहले से ही आईसीटी योजना के तहत लैब स्थापित हैं।
यूपी बोर्ड में 2001 से कम्प्यूटर विषय के रूप है लेकिन सरकारी इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति का प्राविधान न होने से विषय के रूप में इसे नहीं पढ़ाया जाता है। यूपी बोर्ड के सहायताप्राप्त स्कूलों व निजी स्कूलों कम्प्यूटर विषय के तौर पर पढ़ाया जाता है। केंद्र सरकार की आईसीटी योजना के तहत कम्प्यूटर एडेड लर्निंग तो शुरू की गई लेकिन इस योजना को 2015 में बंद कर दिया गया।
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63 स्मार्टक्लास भी बनेंगी-
यूपी बोर्ड के 63 हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कॉलेजों में स्मार्ट क्लास बनाने के लिए भी केन्द्र सरकार ने मंजूरी दी है। इसके अलावा 289 हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कॉलेजों में कम्प्यूटर हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर खरीदने के लिए पैसा दिया गया है। कुल 20 करोड़ का बजट इस मद में दिया गया है।
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