गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराएगी योगी सरकार
लखनऊ : योगी सरकार विभिन्न जिलों में संचालित गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने जा रही है। देखा जाएगा कि मदरसों को वित्तीय सहायता कहां से मिल रही है ? मदरसे में कितने बच्चों को क्या शिक्षा दी जा रही है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद उप्र मदरसा बोर्ड उन्हें मान्यता के दायरे में लाने की हर संभव कोशिश करेगा।
प्रदेश में मान्यता प्राप्त के अलावा सरकार से अनुदानित व गैर मान्यता प्राप्त मदरसे चल रहे हैं। बोर्ड से 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसों में 558 सरकार से अनुदानित हैं। इनके अलावा प्रदेशभर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसे भी चल रहे हैं जिन पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।
उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि अब सर्वे के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि राज्य में कितने मदरसे बगैर मान्यता के चल रहे हैं। देखा जाएगा कि इन्हें किस तरह से मान्यता दी जा सकती है। सरकार की कोशिश है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को दीनी तालीम के साथ ही आधुनिक शिक्षा भी दी जाए।
मदरसा शिक्षकों की नियुक्ति मामले में विभागीय घमासान
लखनऊ : यूपी मदरसा शिक्षा परिषद में अब शिक्षकों की नियुक्ति के लिए स्टेट टीईटी परीक्षा पास करने वालों की भर्ती होगी या फिर मदरसा शिक्षा परिषद खुद अपनी भर्ती परीक्षा आयोजित करवाएगा? इस सवाल पर परिषद के चेयरमैन और रजिस्ट्रार के परस्पर विरोधी बयान सामने आ रहे हैं।
परिषद के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह ने हिन्दुस्तान से कहा कि 15 जून को परिषद की बैठक में नियमावली संशोधित किये जाने की बात तय हुई थी उसी के अनुरूप अब संशोधित नियमावली में टीईटी पास अभ्यर्थियों को ही मदरसों में बतौर शिक्षक नियुक्त किये जाने का प्रावधान हो रहा है।
दूसरी ओर चेयरमैन डा. इफ्तेखार जावेद ने बताया कि मदरसों में अब शिक्षकों की भर्ती के लिए परिषद खुद अपनी भर्ती परीक्षा आयोजित करवाएगी जिसे एमटीईटी कहा जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्होंने स्वयं रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह से फोन पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा तो रजिस्ट्रार ने कहा कि 15 जून को परिषद की बैठक के बाद एक ड्राफ्ट चेयरमैन व सदस्यों को दिया गया था, जिसमें शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भर्ती परीक्षा के बारे में जिक्र किया गया है।
No comments:
Write comments