अभिभावकों ने घर के काम में लगा डाला बच्चों की यूनिफॉर्म का पैसा
प्रयागराज । बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रहे कक्षा एक से आठ तक के तकरीबन ढाई लाख बच्चों के यूनिफॉर्म के लिए मिले रुपये अभिभावकों ने घर के काम में लगा दिए। पूरा सत्र बीतने के बावजूद बच्चे घर के कपड़ों में ही स्कूल आ रहे हैं।
ऐसे समय में जब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने सभी डीएम को पत्र लिखकर विद्यालय समय में छात्र-छात्राओं को यूनिफॉर्म में सार्वनजिक स्थानों पार्क, मॉल व रेस्टोरेंट आदि में प्रवेश प्रतिबंधित करने को कहा है।
जिन बच्चों के अभिभावकों ने यूनिफॉर्म खरीदी ही नहीं है, उन पर नियम लागू होना संभव नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले सत्र में छात्र-छात्राओं को यूनिफॉर्म मिलना था। पिछले साल सितंबर व अक्टूबर में डीबीटी के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के खाते में दो सेट यूनिफॉर्म, बैग, जूता, मोजा, स्वेटर आदि के लिए रुपये भेजे थे। स्कूलों में उपस्थित बच्चों पर नजर दौड़ाएं तो मुश्किल से 50 प्रतिशत बच्चे ही यूनिफॉर्म में दिखेंगे।
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