मदरसा बोर्ड की 124 आईटीआई की होगी जांच
छात्रों की ट्रेनिंग का स्तर और शिक्षकों के दस्तावेजों को भी परखा जाएगा
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने दिए निर्देश
लखनऊ : उप्र मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा प्रदेश में चलाई जा रही 124 आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) की जांच होगी। इनमें से किसी भी आईटीआई को स्टेट या नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग की मान्यता नहीं है। जांच में इनमें पढ़ने वाले छात्र क्या कर रहे हैं और शिक्षक उन्हें किस स्तर की ट्रेनिंग दे रहे हैं यह सब परखा जाएगा। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने इस बाबत निर्देश जारी किए हैं।
2003 में सपा सरकार के समय मदरसा बोर्ड ने आईटीआई खोलने की कवायद शुरू की थी। यूपी मदरसा वोकेशनल ट्रेनिंग स्कीम के तहत 140 आईटीआई को स्वीकृति दी गई थी, लेकिन 124 का ही संचालन इस समय हो रहा है। प्रत्येक आईटीआई में तीन ट्रेड हैं और एक ट्रेड में लगभग 12 छात्र हैं। यानी एक संस्थान में 36 छात्र अध्ययनरत रहते हैं। सभी में कुल साढ़े चार हजार बच्चे अध्ययन करते हैं। इनको करीब 350 अनुदेशक छात्रों को पढ़ाते हैं।
अहम बात यह है कि इन संस्थानों को केवल मदरसा बोर्ड से कहा गया है। मान्यता है। इन्हें स्टेट या नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग की मान्यता नहीं है। ऐसे में यहां के छात्रों को केवल मदरसा बोर्ड का प्रमाणपत्र मिलता है। इन्हें अन्य कोई डिप्लोमा सर्टिफिकेट नहीं मिल पाता है। ऐसे में इनके कॅरिअर की राह बेहद मुश्किल है।
अब इन सभी की जांच होगी। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि जांच टीम बना दी गई है। टीम देखेगी कि इन बच्चों का स्तर क्या है और ये यहां पढ़ने के बाद क्या कार्य कर रहे हैं। यहां कार्य ठीक से हो रहा है या नहीं। शिक्षकों के भी दस्तावेजों की जांच होगी। उन्होंने कहा कि टीम को जल्द ही जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
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