UGC: कोरोना काल के दौरान ली गई हॉस्टल, मेस फीस वापस करें, यूजीसी ने शिक्षण संस्थानों को दिया निर्देश
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कोरोना काल के दौरान हॉस्टल और मेस फीस वापस नहीं करने को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया कि कोरोना के दौरान ली गई हॉस्टल और मेस फीस को जल्द से जल्द वापस करें या फिर मौजूदा फीस में उसे समायोजित करें।
यूजीसी ने कहा कि यदि कोई संस्थान निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने मंगलवार को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और राज्यों को पत्र लिखा। इसमें उल्लेख किया कि 27 मई, 2020 और 17 दिसंबर, 2020 को इस संबंध में पहले आयोग ने विश्वविद्यालयों और संस्थानों को पत्र लिखा था।
शिक्षण संस्थानों से 31 दिसंबर तक फीस वापस ले सकेंगे छात्र, फीस वापसी को लेकर यूजीसी ने नए शैक्षणिक सत्र के लिए जारी किए दिशा-निर्देश, एआइसीटीई पर भी बढ़ा दबाव
नई दिल्ली : उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले की तैयारी में जुटे विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बड़ी राहत दी है। इसके तहत किसी पसंद के विश्वविद्यालय या कालेज में दाखिला मिलने पर विद्यार्थी पूर्व में किसी संस्थान में लिए गए अपने दाखिले को कैंसिल कर सकेगा। साथ ही संस्थान में जमा कराई गई फीस भी वापस ले सकेगा। हालांकि इसके लिए उसे आवेदन करना होगा। यदि यह आवेदन 31 अक्टूबर 2022 तक किया जाता है तो उसे पूरी फीस वापस मिल जाएगी। हालांकि विद्यार्थी 31 दिसंबर 2022 तक आवेदन कर सकेंगे, लेकिन ऐसी सूरत में उनकी फीस में से एक हजार रुपये प्रोसेसिंग चार्ज काटा जाएगा।
यूजीसी ने शैक्षणिक सत्र 2022 - 23 में फीस वापसी को लेकर नई गाइडलाइन जारी है। साथ ही विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षण संस्थानों को इस पर सख्ती से अमल के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद भी इस संबंध में इंजीनियरिंग कालेजों के लिए निर्देश जारी करेगी। यूजीसी का इस दौरान सबसे ज्यादा फोकस निजी विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों की ओर है। ये अक्सर विद्यार्थियों को जमा कराई गई फीस वापस करने में आनाकानी करते हैं या उन्हें परेशान करते हैं। यूजीसी का कहना है कि कोरोना संकट के चलते अभिभावक पहले से ही आर्थिक रूप से परेशान हैं। ऐसे में उन पर किसी तरह बोझ डालना ठीक नहीं है। खास बात यह है कि कोरोना संकटकाल में भी यूजीसी ने फीस वापसी को लेकर ऐसी ही गाइडलाइन जारी की थी।
यूजीसी ने शिकायतों के बाद सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि पिछले साल कोरोना काल में छात्रों से वसूली गई छात्रावास और मेस फीस वापस की जाए या उसे अगले सत्र में समायोजित किया जाए। विद्यार्थियों की शिकायत थी कि कोरोना काल में जब छात्रावास बंद थे तो फिर वह फीस वापस की जाए। विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने की आपाधापी में छात्रों को पहले जिस भी संस्थान में दाखिला मिलता है, वह उनमें अपनी सीट आरक्षित कर लेते हैं।
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