सामूहिक नकल के मामले में राज्य विवि के 9849 परीक्षार्थी हुए डिबार, सत्र 2021-22 के स्नातक तृतीय वर्ष के परीक्षार्थियों पर हुई कारवाई
फिर लेंगे प्रवेश, अगले साल दोबारा देनी होगी स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा
प्रयागराज : प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय ने सत्र 2021-22 की स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षाओं में सामूहिक नकल के मामले में 9,849 परीक्षार्थियों को एक साल के लिए डिबार कर दिया है। ये परीक्षार्थी फिर से प्रवेश लेंगे और सत्र 2022-23 को स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षाओं में दोबारा शामिल होंगे।
राज्य विश्वविद्यालय की ओर से अब तक की गई यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। राज्य विश्वविद्यालय के प्रयागराज, प्रतापगढ़ कौशाम्बी और फतेहपुर में कुल 653 संघटक महाविद्यालय है, जिनमें तकरीबन सवा चार लाख छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। सत्र 2021-22 की स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा में 1,10,401 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इनमें बीकॉम के 4,574, बीए के 70,423 और बीएससी के 35,404 परीक्षार्थी हैं।
सामूहिक नकल के दोषी जिन परीक्षार्थियों को डिबार किया गया है, उनमें सर्वाधिक 8,573 परीक्षार्थी बीएससी तृतीय वर्ष के हैं। वहीं, बीकॉम तृतीय वर्ष के 201 और बीए तृतीय वर्ष के 1,075 परीक्षार्थी शामिल हैं। राज्य विवि के पीआरओ डॉ. अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सामूहिक नकल के दोषी परीक्षार्थियों को एक वर्ष के लिए परीक्षा में शामिल होने से वंचित किया गया है। अभी और बढ़ेगा कार्रवाई का दायरा राज्य विश्वविद्यालय में सामूहिक नकल के मामले में कार्रवाई का दायरा अभी और बढ़ेगा। सत्र 2021-22 की स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं का मूल्यांकन भी चल रहा है। इसमें भी सीसीटीवी कंट्रोल रूम और उड़ाका दलों की रिपोर्ट के आधार पर चिह्नित कॉलेजों का मूल्यांकन अलग से कराया जा रहा है। प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में भी अगर सामूहिक नकल के मामले सामने आते हैं तो दोषी परीक्षार्थियों को एक वर्ष के लिए डिबार किया जाएगा।
'विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालयों में विभिन्न परीक्षाओं के शुचितापूर्ण और नकलविहीन आयोजन के मद्देनजर यह कार्रवाई की है। शासन से भी निर्देश मिले थे कि नकल के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई की जाए।' - प्रो. अखिलेश कुमार सिंह, कुलपति राज्य विश्वविद्यालय
मूल्यांकन के बाद तैयार होगी दागी कॉलेजों की लिस्ट
स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष की मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद दागी कॉलेजों की लिस्ट अलग से तैयार की जाएगी। पीआरओ डॉ. अविनाश श्रीवास्तव के अनुसार यूएफएम कमेटी की ओर से सामूहिक नकल एवं अनुचित साधनों के प्रयोग के दोषी महाविद्यालयों के विरुद्ध संगत प्रावधानों के तहत कार्यवाई की जाएगी।
मूल्यांकन में साबित हुई सामूहिक नकल
वार्षिक परीक्षाओं के दौरान सभी केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए और विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में बनाए गए कंट्रोल रूम से नजर रखी जा रही थी। कई जगह देखने में आया कि छात्र एक साथ सिर उठाकर सामने देख रहे हैं और इसके बाद सिर नीचे कर एक साथ लिख रहे हैं। ब्लैक बोर्ड की तरफ सीसीटीवी कैमरे नहीं थे। वहीं, कई जगह से उड़ाका दलों ने भी सामूहिक नकल की सूचना दी | सीसीटीवी कैमरे एवं उड़ाका दलों की रिपोर्ट के आधार पर ऐसे कॉलेजों को चिह्नित कर उनकी कॉपियों का अलग से मूल्यांकन कराया गया तो परीक्षार्थियों की कॉपियों में एक-एक शब्द और वाक्य मिल रहे थे। यहां तक कि गलतियां भी एक जैसी थीं।
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