पढ़ाई के लिए छोटे देशों की ओर भी रुख कर रहे छात्र, उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी
नई दिल्ली। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन साथ ही यह भी रुझान देखा गया है कि बड़े देशों के साथ-साथ छात्र अब उन छोटे देशों का भी रुख कर रहे हैं जहां शिक्षा की गुणवत्ता अच्छी है और खर्च अपेक्षाकृत कम है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा समय में 238 देशों में भारतीय छात्र शिक्षा के लिए वीजा लेकर जा रहे हैं।l
चीन, मलेशिया, सिंगापुर जा रहे : विदेश मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना से पूर्व 2019 में 5.86 लाख छात्र विदेश अध्ययन के लिए गए। इनमें से करीब 3.65 लाख चार प्रमुख देशों कनाडा, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन गए तथा करीब 2.25 लाख छात्र अन्य देशों को गए। यूरोप जाने वाले छात्रों की संख्या एक लाख के करीब थी।
इस प्रकार सवा लाख छात्र छोटे देशों में अध्ययन के लिए गए। उभरते देशों में रूस, पूर्व सोवियत देश, चीन, मारीशस, मलेशिया, बांग्लादेश, न्यूजीलैंड, फिलीपीन्स, सिंगापुर, साइप्रस, सऊदी अरब आदि शामिल हैं। ये ऐसे देश हैं जहां 2019 में हजारों की संख्या में छात्र अध्ययन लेकिन इस साल फिर इसमें तेजी आई के लिए गए। 2020-21 के दौरान है। 30 जून तक 2,45,601 छात्र छात्रों का जाना जरूर कम हुआ शिक्षा के लिए विदेश गए ।
विशेषज्ञों के मुताबिक, दो वजह मुख्य
इग्नू के प्रोफेसर सी. बी. शर्मा छात्रों के विदेश जाने की मुख्य वजह दो मानते हैं। एक देश में नव धनाढ्य वर्ग बढ़ रहा है और वह हर कीमत पर अपने बच्चों को अमेरिका और यूरोप में शिक्षा दिलाने में जुटा रहता है। दूसरा मध्य वर्ग है जो शिक्षा को लेकर जागरूक हो रहा है। वह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की तलाश में मारीशस या मलेशिया जैसे छोटे देशों का रुख कर रहा है। यहां खर्च भी कम है।
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