व्यवस्था : फर्जी डिग्रियों, प्रमाणपत्रों से नहीं पा सकेंगे नौकरी, यूनीक आईडी से ट्रैक होगी पढ़ाई, हर विद्यार्थी के पास होगा लर्नर पासपोर्ट, डिजिटल तिजोरी में अंकपत्र-प्रमाणपत्र होंगे अपलोड
● इसे शुरू करने वाला यूपी पहला राज्य होगा
● आउट ऑफ स्कूल बच्चों को लाया जा सकेगा मुख्य धारा में
अब फर्जी डिग्रियों या अंकपत्र के बहाने नौकरी पाने वालों की खैर नहीं। विद्यार्थियों की पढ़ाई-लिखाई का ब्योरा रखने के लिए राज्य सरकार यूनिवर्सल लर्नर पासपोर्ट की व्यवस्था करने जा रही है। इस पासपोर्ट में न सिर्फ उसके सीखने का पूरा सफर दर्ज किया जाएगा बल्कि इसकी ‘डिजिटल तिजोरी’ में सभी प्रमाणपत्र व अंकपत्र संस्थान स्तर से अपलोड होंगे। इससे नौकरी के आवेदन के समय युवा फर्जी अंकपत्र या प्रमाणपत्र नहीं लगा सकेंगे क्योंकि उनका सत्यापन इसी तिजोरी से होगा।
राज्य सरकार इसके लिए प्रस्ताव मांगने जा रही है। यूपी इसे शुरू करने वाला पहला राज्य होगा। प्रदेश में इस योजना को चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा। इसकी शुरुआत कक्षा एक से आठ तक होगी लेकिन भविष्य में इसे प्ले ग्रुप से लेकर परास्नातक और प्रोफेशनल पढ़ाई में भी लागू किया जाएगा। इसका कांसेप्ट नोट, नियम व शर्ते समेत अन्य आधारभूत तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। तकनीकी साझेदारी के लिए जल्द ही प्रस्ताव मांगा जाएगा। इस पासपोर्ट से एक बच्चे की पढ़ाई से लेकर नौकरी तक ट्रैक की जा सकेगी और आउट ऑफ स्कूल बच्चों को पढ़ाई की मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी।
इस व्यवस्था से कई तरह के फायदे होंगे
इससे फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी पाने वालों पर भी लगाम लगेगी क्योंकि यह लागू होने के बाद प्रमाणपत्रों का सत्यापन डिजिटल तिजोरी से ही होगा। सत्यापन के लिए अंकपत्र या प्रमाणपत्र विभिन्न बोर्डों या फिर विश्वविद्यालयों को नहीं भेजे जाएंगे। अभी सबसे ज्यादा खेल सत्यापन में होता है और बाबुओं की सांठगांठ से सत्यापन का मामला अटकाए रखा जाता है। लर्नर पासपोर्ट से एक बच्चे का नामांकन दो जगह नहीं हो सकेगा। एक ही वक्त में दो डिग्रियां हासिल करने पर भी लगाम लगेगी। स्कॉलरशिप आदि के लिए फजीवाड़ा नहीं हो सकेगा क्योंकि फर्जी अंकपत्र, जाति या आय प्रमाणपत्र नहीं लगाया जा सकेगा।
किस तरह से काम करेगा लर्नर पासपोर्ट
कक्षा एक में प्रवेश लेने पर एक आधार सीडिंग के बाद उसे एक यूनीक आईडी मिलेगी और डिजिटल तिजोरी (वॉल्ट) खोली जाएगी। इसमें उसके सभी कक्षाओं के अंकपत्र, प्रमाणपत्र और अन्य सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रमाणपत्र भी संस्थान स्तर पर डाले जाएंगे। जब वह अपनी पढ़ाई पूरी करेगा उसके पासपोर्ट पर इसकी पूरी जानकारी होगी। किसी भी स्तर पर सत्यापन के लिए इसी डिजिटल पासपोर्ट के वॉल्ट से जानकारियां ली जाएंगी। इसमें सरकारी, निजी, व्यावसायिक सेक्टर सब आएंगे।
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