उत्तर प्रदेश के 17 लाख लोग साक्षर बनेंगे, 15 सितम्बर तक सर्वे वालेंटियर का चयन
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत सत्र 2022-23 का लक्ष्य
लखनऊ : प्रदेश के 17 लाख निरक्षर लोगों को नव साक्षरता कार्यक्रम के तहत एक साल के भीतर साक्षर किया जाएगा। ऑनलाइन पाठ्य सामग्री और माड्यूल के जरिए साक्षर किया जाएगा।
मुख्यत महिलाओं, एससी-एसटी, अल्पसंख्यक, दिव्यांग और श्रमिक इनमें शामिल हैं। 15 साल से अधिक उम्र के निरक्षरों का सर्वे व इन्हें साक्षर करने वाले वालेंटियर का चयन 15 सितम्बर तक पूरा करना है। इनको पढ़ने-लिखने से लेकर व्यवहारिक जानकारी दी जाएगी। साक्षरता विभाग ने पूरे कार्यक्रम का प्रारूप बनाया है। बता दें कि अन्तरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस आठ सितम्बर को मनाया जाता है।
साक्षरता विभाग के सहायक निदेशक राज कुमार का कहना है कि केन्द्र सरकार द्वारा नव साक्षरता कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसके तहत्र निरक्षरों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा। वालेंटियर में प्राइमरी, जूनियर स्कूल के छात्र, एनसीसी, एनएसएस, बीटीसी, डीएलएड छात्र एवं स्वयं सेवक शामिल होंगे। नई शिक्षा नीति के तहत साक्षर बनाने के साथ संख्या ज्ञान और व्यवहारिक ज्ञान देना जरूरी है। एससीईआरटी ने पाठ्यक्रम और माड्यूल तैयार किया है। पाठ्यक्रम में रुपयों के लेनदेन, कानूनी जानकारी, बाल देखभाल आदि शामिल है।
लखनऊ में 57 हजार निरक्षर हैं वर्तमान में
लखनऊ में करीब 57 हजार निरक्षर हैं। वर्ष 2021 के सर्वे में मलिहाबाद में सबसे ज्यादा 15366 लोग निरक्षर थे। इनमें 19738 पुरुष तथा 37227 महिलाएं हैं। काकोरी में 11,196 निरक्षर मिले। सरोजनी नगर में 922 और सबसे कम 804 निरक्षर गोसाईगंज में हैं।
बिना मानदेय साक्षर करेंगे स्वयंसेवक
निरक्षरों को साक्षर करने के लिए बिना किसी मानदेय के योगदान देने वाले स्वयंसेवकों का चिह्नांकन क्षेत्रवार चल रहा है। इसके तहत विभिन्न विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को जोड़ा जा रहा है। स्वयंसेवक के रूप में कक्षा पांच व उससे ऊपर के स्कूली छात्रों को भी जुड़ने के लिए प्रेरित करने को कहा गया है। ऐसे बच्चे अपने परिवार या पड़ोसियों को साक्षर करेंगे। इसके अलावा एमएड, बीएड, बीटीसी, जेबीटी आदि पाठ्यक्रमों के पूर्व छात्रों को भी जोड़ने के लिए कहा गया है।
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