अंकपत्र में संशोधन के लिए स्कूल कर रहे मनमानी वसूली, यूपी बोर्ड कार्यालय से नहीं लिया जाता कोई शुल्क
लखनऊ। जिस कार्य के लिए यूपी बोर्ड कार्यालय कोई शुल्क नहीं लेता, उसके लिए स्कूल छात्रों से मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं। हाईस्कूल व इंटर अंकपत्रों में संशोधन के नाम पर स्कूल छात्रों से एक हजार से दो हजार रुपये तक वसूल रहे हैं। अभिभावकों ने इसकी शिकायत की है।
यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटर के अंकपत्र और प्रमाणपत्र स्कूलों में वितरित होने के बाद से उनमें त्रुटियों को लेकर शिकायतें आ रही हैं। ज्यादातर त्रुटियां छात्रों व उनके अभिभावकों के नाम के साथ स्कूल के नाम की हैं। छात्रों का आरोप है कि स्कूल इसके लिए प्रयागराज बोर्ड कार्यालय तक आने-जाने का शुल्क व कार्य कराने का शुल्क बताकर छात्रों से वसूली कर रहे हैं। निगोहां स्थित सेंट फ्रांसिस इंटर कॉलेज में संशोधन के नाम पर छात्रों से 1500 रुपये वसूलने की शिकायत की गई है।
छात्रों का आरोप है कि इंटर के अंकपत्र में नाम को लेकर त्रुटियां हैं, जिसमें संशोधन कराने के लिए स्कूल 1500 प्रति छात्र मांग रहा है। अभिभावकों ने विरोध भी जताया। वहीं स्कूल के प्रधानाचार्य विपिन बिलंग ने छात्रों के इन आरोपों को नकार दिया है। डीआईओएस राकेश कुमार ने बताया कि स्कूल को नोटिस जारी किया गया है। प्रबंधन से इस संबंध में स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।
यह है नियम
डीआईओएस राकेश कुमार ने बताया कि बोर्ड की तरफ से संशोधन कराने और डुप्लीकेट अंकपत्र व प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अलग अलग नियम हैं। यदि डुप्लीकेट प्राप्त करना है तो उसके लिए बोर्ड अंकपत्र व प्रमाण पत्र के लिए 200-200 शुल्क चार्ज करता है। लेकिन यदि अंकपत्र व प्रमाण पत्र में त्रुटि है तो संशोधन कराने के लिए बोर्ड कोई शुल्क नहीं लेता उन्होंने बताया कि यदि स्कूल मनमानी राशि वसूलते हैं तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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