कार्यालय बुलाते हैं निदेशालय के बाबू इसके चलते बढ़ रहा भ्रष्टाचार
महीनों लटकी रहती है फाइल, सिटीजन चार्टर लागू करने की मांग
प्रयागराज : माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के बाबू किसी भी तरह के आदेश या शिक्षकों से जुड़े स्वीकृत प्रपत्र देने के लिए कार्यालय बुलाते हैं। उसे संबंधित शिक्षक के पास आनलाइन या आफलाइन नहीं भेजा जाता है। निदेशालय के बाबू कार्यालय में बुलाते हैं तो इससे भ्रष्टाचार की संभावना बढ़ जाती है।
यह आरोप राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने लगाया है। उन्होंने अपर शिक्षा निदेशक राजकीय को पत्र लिखा है। साथ ही उसकी प्रति माध्यमिक शिक्षा मंत्री, सचिव और शिक्षा निदेशक को भी भेजा है।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील कुमार भड़ाना और प्रांतीय महामंत्री डा. रवि भूषण ने 27 सितंबर को अपर शिक्षा निदेशक राजकीय को लिखे पत्र में बाबुओं पर कई आरोप लगाए हैं।
उन्होंने लिखा कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वेतनमान, प्रोन्नत वेतनमान, अनेक प्रकार के अवकाश की स्वीकृति, अनापत्ति प्रमाण पत्र, चिकित्सा प्रतिपूर्ति आदि के प्रकरणों का निस्तारण आपके द्वारा किया जाता है। लेकिन उसे संबंधित को समय से नहीं दिया जाता है। अक्सर ऐसा होता है कि हस्ताक्षर के बाद भी पत्र जारी नहीं किया जाता है।
महीनों लटकी रहती है फाइल, सिटीजन चार्टर लागू करने की मांग
प्रयागराज । शिक्षा विभाग में बेसिक से लेकर उच्च तक भ्रष्टाचार का आलम व्याप्त है। बताया जाता है कि हर टेबल पर महीनों तक फाइल लटकाए रखी जाती है। बिना चढ़ावा के फाइल आगे नहीं बढ़ती है। फिर फाइल के दूसरी टेबल पर पहुंचने के बाद यही खेल शुरू होता है।
प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष ब्रजेश शर्मा ने मांग है कि अगर सिटीजन चार्टर लागू कर दिया जाए तो इस पर कुछ हद तक लगाम जरूर लग जाएगी। वहीं, राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील कुमार भड़ाना और महामंत्री डॉ. रविभूषण ने अपर शिक्षा निदेशक राजकीय को पत्र लिखकर मांग कि है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक/ शिक्षिकाओं के निस्तारित प्रकरणों की सूचना ऑनलाइन मेल के माध्यम से प्रेषित किया जाए।
No comments:
Write comments